पत्रकारों पर होने वाली ज्यादतियों को रोकने तथा उनके विरूद्ध चल रहे आपराधिक प्रकरणों को लेकर परिपत्र जारी । यदि सरकारी तंत्र इसी परिपत्र का पालन हो तो पत्रकारों विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों एवं जिला स्तर पर काम कर रहे पत्रकारों की समस्या का समाधान हो सकता हैं ।एक चर्चा में एम पी वक्रिंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा, जनसंपर्क आयुक्त पी नरहरी एवं पुलिस महानिदेशक से मांग की है कि जिलों में पदस्थ पुलिस अधीक्षक एवं जिला जनसंपर्क अधिकारी को निर्देश जारी किए जाएं कि ग्रह विभाग के आदेश का पालन शत प्रतिशत हो। आदेश का पालन नहीं करने पर दंड का भागी होगा । पत्रकारों पर फर्जी शिकायत और दबाव के चलते झूठे मुकदमें पंजीबद्ध कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। बालाघाट जिले की पुलिस नही कर रही है परिपालन..... मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग पुलिस मंत्रालय के परिपत्र का अभी तक पत्रकारों पर होने वाली ज्यादतियों को रोकने तथा उनके विरूद्ध चल रहे आपराधिक प्रकरणों को उच्च स्तरीय पुनरावलोकन किये जाने हेतु मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग पुलिस मंत्रालय द्वारा पुलिस महानिरीक्षक मध्यप्रदेश को पत्र अग्रेषित करते हुये परिपत्र जारी किया गया है। परिपत्र जारी पत्र में यह उल्लेख किया गया है की पत्रकारों के विरूद्ध कोई भी प्रकरण कायम किये जाने के संबंध में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के अंतर्गत प्रथम सूचना पत्र नियमानुसार दर्ज किया जाये परन्तु अपराध के पंजीयन के बाद चालान किये जाने के पूर्व प्रकरणों में उपलब्ध साक्ष्य की समीक्षा पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक रेंज द्वारा की जायेगी। समीक्षा में यह सुनिश्चित कर लिया जाये की संबंधित पत्रकार/मिडिया के व्यक्ति को दुर्भावनावश या तकनीकी किस्म के प्रकरण स्थापित कर परेशान तो नही किया जा रहा है। यदि कोई प्रकरण दुर्भावनावश विवेचना करना पाया जाये तो तत्काल उसमें न्यायालय से खात्मा/खारिजी स्वीकृत करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये जाये तथा संबंधित पुलिस अधिकारीयों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की जाये। इस प्रकार की समीक्षा की सुविधा वैसे पत्रकार/मीडिया को प्राप्त हो जो वि.प्रिंट/विजुअल मीडिया संबंधित किस पंजीबद्ध संस्था के अभिस्वीकृति प्राप्त प्रतिनिधि हो। इस संबंध में प्रमाणित करने के लिये जिला स्तरीय जनसंपर्क अधिकारी अधिकृत होंगे। परिपत्र में यह भी उल्लेखित किया गया है की पुलिस उपमहानिरीक्षक त्रैमासिक स्तर पर जनवरी,अप्रैल,जुलाई एंव अक्टुबर में 03 माह में पत्रकारों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की समीक्षा कर प्रतिवेदन अतिरिक्त पुलिस महानिर्देशक (शिकायत) को निम्न बिंदुओं के अनुसार पत्रक में भेजेगें (1) स.क., (2) जिला, (3) पत्रकार का नाम व पता, (4) किस संस्था से संबंधित है उसका पद नाम तथा कार्य की प्रकृति, (5) अपराध क्रमांक और धारा, (6) अपराध का संक्षिप्त विवरण, (7) पुलिस अधिक्षक द्वारा समीक्षात्मक टीप, (8) उपपुलिस महानिरीक्षक का अभिमत, (9) यदि दुर्भावनावश प्रकरण में विवेचना की गई है तो संबंधित पुलिस अधिकारी के विरूद्ध की जा रही कार्यवाही का विवरण। परिपत्र में यह भी उल्लेख है की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) त्रैमासिक प्रतिवेदन की समीक्षा कर पुलिस महानिदेशक का प्रस्तुत करेंगे। पत्रकारों पर ज्यादती होने की शिकायत प्राप्त होने पर संचालक जनसंपर्क द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शिकायत पुलिस मुख्यालय को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी जायेगी तथा प्राप्त शिकायतों में पुलिस मुख्यालय द्वारा आवश्यक कार्यवाही किये जाने के पश्चात की गई कार्यवाही से संचालक जनसंपर्क को अवगत कराया जायेगा। यह परिपत्र श्री अनिल कुमार अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन गृहविभाग द्वारा पत्र क्रमांक एफ 12-34/09/बी-1/दो दिनांक 06/01/2010 जारी किया गया है। इस परिपत्र का परिपालन बालाघाट जिले में नही किया जा रहा है इन विसंगतियों के चलते जिले में पत्रकारों पर फर्जी शिकायत और दबाव के चलते झूठे मुकदमें पंजीबद्ध कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार आनंद ताम्रकार ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आकाश भूरिया को परिपत्र की प्रतिलिपि सौंपी एवं पत्रकारों पर झूठे मुकदमें कायम किये जाने की कार्यवाही पर अंकुश लगाते हुये परिपत्र के निर्देशो का परिपालन सुनिष्चित करने हेतु निवेदन किया है। श्री आकाश भूरिया ने आस्वासन दिया है की परिपत्र में निर्देशित बिंदुओं के आधार जांच कर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। परिपत्र की प्रतिलिपि जनसंपर्क अधिकारी बालाघाट को भी आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु प्रस्तुत की गई है।