ग्वालियर - भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव Уतानसेन समारोहФ की इस बार अलग ही छटा होगी। भारतीय शास्त्रीय संगीत के मूर्धन्य साधकों के साथ-साथ विदेशी संगीतज्ञ भी स्वर लहरियाँ बिखेरकर सुर सम्राट तानसेन को स्वरांजलि देंगे। यह महोत्सव इस बार पाँच दिवसीय होगा। पाँच दिनी "तानसेन समारोह-2015"संगीत की नगरी ग्वालियर में 23 दिसम्बर को शुरु होगा। हजीरा स्थित तानसेन समाधि परिसर में आयोजित होने जा रहे मुख्य समारोह में इस बार विशाल पण्डाल लगाया गया है। साथ ही जिस मंच पर बैठकर ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक सुर सम्राट को स्वरांजलि देंगे, उसे भी तैयार किया जा रहा है। इस साल के समारोह में कुल आठ संगीत सभाएँ होंगी। पहली सात संगीत सभाएँ हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन समाधि परिसर में सजेंगी। आठवीं एवं अंतिम संगीत सभा 27 दिसम्बर की भोर में गान मनीषी तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे घनी अमराई के बीच सजेगी। संगीत की नगरी ग्वालियर में प्रतिष्ठापूर्ण तानसेन समारोह की तैयारियाँ जारी हैं। भारतीय संगीत की अनादि परंपरा के श्रेष्ठ कला मनीषी सुर सम्राट तानसेन को श्रद्धांजलि व स्वरांजलि देने के लिये पिछले 90 वर्षों से यह समारोह आयोजित हो रहा है। प्रात:काल में हरिकथा व मीलाद का गायन गान महर्षि तानसेन की स्मृति में आयोजित होने वाले""तानसेन समारोह" के अपने अलग ही रंग हैं । समारोह के शुभारंभ दिवस को प्रात: काल में तानसेन की समाधि पर सामाजिक समरसता के सजीव दर्शन होते हैं । इस बार भी 23 दिसम्बर को प्रात: काल 9.30 बजे "तानसेन समारोह" पारंपरिक रूप से हरिकथा व मीलाद का गायन होगा। इस बार दो अलंकरण समारोह पं. विश्वमोहन भट्ट एवं पं. अजय चक्रवर्ती राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से विभूषित होंगे इस बार दो अलंकरण समारोह आयोजित होने जा रहे हैं। पहला अलंकरण समारोह 23 दिसम्बर को सायंकाल 7 बजे आयोजित होगा। इस समारोह में ग्रेमी अवार्ड से सम्मानित एवं विश्व विख्यात मोहनवीणा वादक पं. विश्वमोहन भट्ट जयपुर को वर्ष-2013-14 के राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से विभूषित किया जायेगा। शास्त्रीय संगीत के प्रख्यात गायक पद्मश्री पंडित अजय चक्रवर्ती कोलकाता 24 दिसम्बर की सायंकालीन सभा में आयोजित अलंकरण समारोह में वर्ष-2014-15 के राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से सम्मानित किए जायेंगे। इन दोनों ब्रम्हनाद के मूर्धन्य साधकों को सम्मान स्वरूप दो-दो लाख रूपए की सम्मान राशि, सम्मान पट्टिका एवं शॉल, श्रीफल से नवाजा जायेगा। उक्त आशय की जानकारी संस्कृति संचालनालय के उपनिदेशक श्री राहुल रस्तोगी ने दी है। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर के मुख्य आतिथ्य में होगा समारोह का शुभारंभ राष्ट्रीय तानसेन सम्मान अलंकरण समारोह एवं इस साल के तानसेन समारोह का शुभारंभ 23 दिसम्बर को सायंकाल 7 बजे केन्द्रीय इस्पात एवं खनन मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में होगा। मुख्य अतिथि द्वारा सुप्रतिष्ठित मोहन वीणा वादक पं. विश्वमोहन भट्ट को वर्ष 2013-14 के राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से अलंकृत किया जायेगा। इस समारोह की अध्यक्षता संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा करेंगे। समारोह में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह, सांसद श्री प्रभात झा, महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर व विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री राकेश जादौन को बतौर विशिष्ठ अतिथि आमंत्रित किया गया है। समारोह में विधायकगण सर्वश्री जयभान सिंह पवैया, नारायण सिंह कुशवाह, भारत सिंह कुशवाह, लाखन सिंह यादव व श्रीमती इमरती देवी को भी बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया है। पहली संगीत सभा 23 दिसम्बर को इस वर्ष के तानसेन समारोह की पहली संगीत सभा 23 दिसम्बर को आयोजित होगी। पहली संगीत सभा में पं. विश्वमोहन भट्ट का मोहनवीणा वादन आकर्षण का केन्द्र होगा। इस सभा में मैहर घराने के उस्ताद आशीष खाँ का सरोद वादन और पं. बृजभूषण गोस्वामी नईदिल्ली का ध्रुपद गायन भी होगा। पहली सभा का आगाज शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर द्वारा प्रस्तुत ध्रुपद गायन से होगा। द्वितीय सभा (प्रात:) 24 दिसम्बर तानसेन संगीत महाविद्यालय के ध्रुपद गायन के पश्चात डागरवाणी शैली के श्री राजेश सेंड वाराणसी का ध्रुपद गायन, श्री सत्येन्द्र सोलंकी भोपाल का संतूर वादन, सुश्री रूचिरा पाण्डा कोलकाता का गायन और श्री हरिमोहन श्रीवास्तव लखनऊ का बांसुरी वादन होगा । तृतीय सभा (सायंकाल) 24 दिसम्बर साधना संगीत कला केन्द्र ग्वालियर के छात्र-छात्राओं के ध्रुपद गायन से सभा की शुरूआत होगी। इसके बाद सुश्री चन्द्रिका कामथ हुबली का गायन भी होगा। प्रख्यात ध्रुपद गायक गुन्देचा बंधु पं. उमाकांत-रमाकांत गुंदेचा भोपाल का ध्रुपद गायन होगा। इस सभा में फ्रांस के श्री मेरोप द्वारा विश्व संगीत की प्रस्तुति दी जायेगी। सभा के मुख्य आकर्षण में पद्मश्री एवं इस साल के तानसेन अलंकरण से विभूषित होने जा रहे प्रख्यात शास्त्रीय गायक पण्डित अजय चक्रवर्ती कोलकाता का गायन भी शामिल है। चतुर्थ सभा (प्रात:) 25 दिसम्बर शंकर गांधर्व संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से सभा की शुरूआत। इस सभा में सुश्री वीणा जोशी ग्वालियर का गायन, श्री हर्षनारायण मुम्बई का सारंगी वादन, सुश्री रीता देव नईदिल्ली का गायन और सभा का समापन पं. इन्द्रकिशोर मिश्र मलिक चम्पारण के ध्रुपद गायन से होगा। पंचम सभा (सायंकाल) 25 दिसम्बर परंपरागत ढंग से ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के ध्रुपद गायन से सभा की शुरूआत। इसके पश्चात श्री प्रवीण शेवलीकर भोपाल का वायोलिन वादन, पं. सज्जनलाल ब्रम्हभट्ट भोपाल का गायन, ब्रोसेला-बुलगारिया का विश्व संगीत और पं. नयन घोष मुम्बई का सितार वादन । षष्टम सभा (प्रात:) 26 दिसम्बर महारूद्र मण्डल संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से सभा की शुरूआत। श्री अब्दुल मजीद खाँ ग्वालियर का सारंगी वादन, सुश्री सुलेखा धारकर भट भोपाल का गायन, पं. राजन कुलकर्णी एवं सारंग कुलकर्णी पुणे द्वारा प्रस्तुत सरोद की जुगलबंदी और श्री शौनक अभिषेकी पुणे द्वारा गायन प्रस्तुत किया जायेगा । सप्तम सभा (सायंकाल) 26 दिसम्बर ध्रुपद केन्द्र भोपाल के ध्रुपद गायन से सभा की शुरूआत। इसके बाद फिल स्कॉफ, ससकिया डी.राव संयुक्त राज अमेरिका द्वारा सेक्सोफोन एवं चेलो की प्रस्तुति, पं. सुखदेव चतुर्वेदी मुम्बई का ध्रुपद गायन, उस्ताद साबिर खाँ कोलकाता का तबला वादन एवं पं. हरीष तिवारी नईदिल्ली का गायन। अष्टम सभा (प्रात:) 27 दिसम्बर बेहट साधना संगीत कला केन्द्र, तानसेन स्मारक बेहट के ध्रुपद गायन से सभा शुरू होगी। भारतीय संगीत महाविद्यालय ग्वालियर का ध्रुपद गायन। इसके बाद श्री प्रज्ज्वल शिर्के ग्वालियर का गायन, कलाश्री बाद्य वृन्द ग्वालियर द्वारा वाद्य वृन्द की प्रस्तुति। श्री जमील हुसैन खाँ भोपाल का शास्त्रीय गायन और पं. श्रीराम मराठे ग्वालियर के गायन के साथ इस साल के तानसेन समारोह का समापन होगा। ये होंगे संगतकार तबला पर सर्वश्री सौमेन नंदी, हिमांशु महंत, रामेन्द्र सिंह सोलंकी, सलीम अल्लाह वाले, अल्लम प्रभु कड़कौल, सौमेन सरकार, अनंत मसूरकर, पुण्डलिक भागवत, रामस्वरूप रतौनिया, ईशान घोष, अब्दुल हनीफ खान, मनीष करवड़े, नफीस अहमद खाँ, हितेन्द्र दीक्षित, भूषण परचुरे, आसिफ खान, अनिल मोघे, जगत नारायण शर्मा व इकरार हुसैन संगत करेंगे। पखावज पर सर्वश्री मोहन श्याम शर्मा, अखिलेश गुन्देचा, गोपाल जाधव, दयानेश्वर देशमुख व मृणाल उपाध्याय । हारमोनियम पर सर्वश्री पारोमिता मुखर्जी, जितेन्द्र शर्मा, गौरव चटर्जी, महेश दत्त पाण्डे, विवेक बन्सोड, अमीन खान, जाकिर धौलपुरी, केशव व्यास व कपूर नागर । सारंगी पर सर्वश्री कुलभूषण गोस्वामी, मुराद अली, सरवर हुसैन, मुन्ने खाँ, एहसान अहमद खाँ, शिराज हुसैन खाँ व आबिद हुसैन । सरोद पर सर्वश्री शिराज खाँ एवं वायोलिन पर अंकुर धरकर संगत करेंगे। दस्तावेज व सिंहस्थ महाकुंभ प्रदर्शनी हजीरा स्थित तानसेन समाधि परिसर में आयोजित होने जा रहे मुख्य तानसेन समारोह स्थल पर Уदस्तावेज व सिंहस्थ महाकुंभ प्रदर्शनीФ भी विशेष आकर्षण का केन्द्र होंगी। Уदस्तावेजФ में खासतौर पर पूर्व में आयोजित हुए तानसेन समारोह के छायाचित्र प्रदर्शित किए जायेंगे। वहीं सिंहस्थ महाकुंभ प्रदर्शनी उज्जैन में अगले साल आयोजित हो रहे सिंहस्थ पर केन्द्रित होगी। यह प्रदर्शनियाँ 23 से 26 दिसम्बर तक लगेंगी। रंग संभावना प्रदर्शनी भी तानसेन समारोह के दौरान रंग संभावना ललित कला प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। यह प्रदर्शनी 23 से 27 दिसम्बर तक दोपहर 12 बजे से सायं 6 बजे तक पड़ाव स्थित तानसेन कलावीथिका और अचलेश्वर मंदिर के समीप स्थित शासकीय ललितकला महाविद्यालय में कला प्रेमियों के लिये खुली रहेगी। वादी संवादी व्याख्यान इसके साथ ही तानसेन कलावीथिका पड़ाव में 24 व 25 दिसम्बर को सायंकाल 4 बजे से 6 बजे तक वादी संवादी व्याख्यान होंगे। इसमें 24 दिसम्बर को डॉ. संजय द्विवेदी संगीत पुराण पर और श्रीमती नीला भागवत ग्वालियर गायकी के सौंदर्य तत्व पर प्रकाश डालेंगी। इसी तरह 25 दिसम्बर को श्री नयन घोष द्वारा तबला घरानो के विभिन्न बाज, तकनीक और सोच-विचार पर व्याख्यान देंगे। इस दिन के वादी संवादी आयोजन में पं. श्री कृष्ण एस हलदनकर द्वारा ख्याल गायकी की सुंदरता के निकष पर प्रकाश डालेंगी।