ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)- प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही सरकार से जुड़े लोगों पर गाज गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी क्रम में भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के भाई आनंद मिश्रा से कुलसचिव की कुर्सी स्थाई रूप से छीन ली गई है। उन्हें अशोकनगर जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर ग्राम सहरई के उस कॉलेज में भेजा है जो इसी साल वहां के हायरसेकंडरी स्कूल भवन में खुला है। दो कमरों के इस कॉलेज में बैठने को ढंग की कुर्सी तक नहीं है। जेयू में कुलसचिव पद पर लंबे समय से पदस्थ प्रो. आनंद मिश्रा को कांग्रेसियों ने चुनाव से पहले ही अपने निशाने पर ले लिया था। पहले आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए, उन्हें संभागायुक्त कार्यालय इंदौर में भेजा गया था। उस समय भी जिस तरह से उन्हें रवानगी की गई थी,वो चर्चा का विषय बनी हुई थी। कारण यह कि 2 नवम्बर की शाम को उन्हें जेयू से हटाकर इंदौर भेजे जाने के आदेश जारी हुए थे। निर्देश दिए थे कि 3 नवम्बर को उन्हें हर हाल में अपनी ज्वाइनिंग देनी है। आदेश के पालन में इतना कम समय दिया था कि प्रो. मिश्रा अपने कार्यालय से उठकर सीधे घर जाकर अपना सामान भी सही ढंग से नहीं लगा सके। इतना ही नहीं, चुनाव के दौरान उनके जिला मुख्यालय छोड़ने पर भी लगभग पूरी तरह प्रतिबंध था। बुधवार शाम उच्च शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर प्रो. मिश्रा (प्राध्यापक इतिहास) की उच्च शिक्षा से विश्वविद्यालय सेवाओं में जाने के लिए दी गई प्रतिनियुक्ति वापस ले ली। उन्हें शासकीय महाविद्यालय सहरई जिला अशोकनगर भेज दिया है। ग्राम सहरई जिला मुख्यालय से लगभग 70 किमी दूर मुंगावली के निकट पड़ता है। उप चुनाव के समय यहां कॉलेज की घोषणा तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने की थी। फिलहाल इसका संचालन सहरई के हायर सेकंडरी स्कूल भवन के दो कमरों में किया जा रहा है। जानकारों के अनुसार इस कॉलेज में फिलहाल बैठने के लिए ढंग की कुर्सी भी नहीं है।