ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)-गोला का मंदिर थाना पुलिस ने चोरी के संदेह में कृषि महाविद्यालय के एक कर्मचारी के साथ पूछताछ के नाम पर जमकर मारपीट कर दी। जब कोई सुराग नहीं मिला तो पुलिस ने कर्मचारी को छोड़ दिया। इस बात की जानकारी गुरुवार को जब साथी कर्मचारियों व छात्रों को मिली तो वह धरने पर बैठ गए। आंदोलन शुरू होते देख पुलिस बैक फुट पर आ गई। फिलहाल इस मामले में कॉलेज डीन या कर्मचारी ने कोई शिकायती आवेदन नहीं दिया है। पूरा विवाद कॉलेज के एक रिटायर्ड शिक्षक के 60 हजार रुपए, दो मोबाइल, एटीएम कार्ड व अन्य सामान से भरे एक छोटे बैग के चोरी जाने से शुरू हुआ। दरअसल 1 दिसम्बर को रिटायर्ड प्रोफेसर केशव प्रसाद शर्मा कॉलेज परिसर स्थित बैंक में जीवित होने का प्रमाण पत्र देने आए थे। पैंशनर्स के लिए यह अनिवार्य है। प्रो.शर्मा बैंक से लौटते हुए कॉलेज की आवक-जावक शाखा में दशरथ सिंह भदौरिया से मिलने भी पहली मंजिल पर चले गए। वापसी में वह अपना बैंग यही रखा छोड़ गए। कुछ ही देर बाद जब उन्हें अपने बैग की याद आई तो वह वापस आए, लेकिन बैग नहीं मिला। इस मामले की शिकायत उन्होंने गोला का मंदिर थाने में की जिसके बाद मामले में जांच करने आए एसआई हरेन्द्र सिंह भदौरिया ने जब सीसीटीवी फुटेज देखे तो घटना के दौरान केवल एक कर्मचारी रामजी लाल कुशवाह फाइल लेकर जाता हुआ दिखा। इसी आधार पर पुलिस ने बुधवार दोपहर कॉलेज परिसर से कर्मचारी रामजीलाल को बिना डीन की अनुमति ही उठा लिया। यहां पूछतांछ के नाम पर पुलिस ने उसके साथ मारपीट कर दी। इस बात की जानकारी गुरुवार को जब अन्य कर्मचारियों व छात्रों को लगी तो सब के सब रामजीलाल के समर्थन में आ गए। उन्होंने धरना देना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि पुलिस ने एक निर्दोष कर्मचारी को जमकर पीटा है। कर्मचारियों ने इस मामले में डीन मन पसंद जैन को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई। उनका कहना था कि बिना उनकी अनुमति पुलिस कर्मचारी को लेकर कैसे गई? इस मामले में डीन एसपी को शिकायती आवेदन दें।