भोपाल(ईन्यूज एमपी)-जन अभियान परिषद के 400 से अधिक संविदाकर्मियों को नियमित करने से प्रदेश के 1 लाख 84 हजार कर्मचारी नाराज हो गए हैं। नाराज कर्मचारी भी संविदाकर्मी हैं और बीते 15 साल से जिलों में सरकारी योजनाओं में कार्यरत हैं। नियमित करने के लिए राजधानी में संविदा कर्मचारी के संगठन 50 से ज्यादा आंदोलन कर चुके हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जन अभियान परिषद की तरह उन्हें भी नियमित किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह सोची समझी नीति के तहत किया गया भेदभाव है। दरअसल, जन अभियान परिषद मप्र की पंजीकृत संस्था है। प्रत्येक जिले में इसके दफ्तर हैं। इनमें कार्यरत कर्मचारी शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार करते हैं। इनमें करीब 600 कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से 400 कर्मचारियों को सितंबर में नियमित कर दिया है। वहीं बीते दो साल में 50 से ज्यादा आंदोलन करने वाले संविदा लिपिक, डाटा एंट्री ऑपरेटर, सब इंजीनियर, एकाउंटेंट, लैब टेक्नीशियन, प्रशिक्षक, सहायक लेखा अधिकारी, परियोजना अधिकारी, विकासखंड समन्वयकों को नियमित नहीं किया। ये संविदाकर्मी अलग-अलग विभागों में कार्यरत हैं।