भोपाल(ईन्यूज एमपी)- पुरानी जेल के स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका के चलते कांग्रेस नेता समर्थकों के साथ जेल परिसर में 24 घंटे डेरा जमाए हुए हैं। इस बीच मंगलवार शाम पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू ) की कैंटीन में 76 डाक मतपत्र लावारिस हालत में मिलने से नया विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को शिकायत कर जांच कराने की मांग की है। जहांगीराबाद पुलिस ने बताया मंगलवार शाम को पीएचक्यू स्थित होमगार्ड शाखा की कैंटीन में तीन सील बंद और 73 खाली डाक मतपत्र पड़े मिले। सील लगे 3 मतपत्र विधानसभा क्षेत्र 154 गोविंदपुरा के हैं। जबकि शेष 73 राज्य के अलग-अलग जिलों की विधानसभा सीटों के हैं। चुनाव आयोग की सख्ती और सतत निगरानी के बाद भी पीएचक्यू स्थित होमगार्ड कैंटीन में बड़ी संख्या में डाक मतपत्र मिलने के मामले को जिला निर्वाचन शाखा की लापरवाही के रूप में देखा जा रहा है।उल्लेखनीय है मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 28 नवंबर को हो चुका है। उससे पहले चुनाव ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों से 18 नवंबर को डाक मत पत्र से मतदान कराया गया था। पीएचक्यू में बना था पोलिंग बूथ : भोपाल जिले की सात विधानसभा सीटों पर डाक मत पत्र से मतदान के लिए पीएचक्यू के एक कमरे में पोलिंग बूथ बनाया गया था। पुलिस का कहना है कि होमगार्ड के कई सैनिक अभी दूसरे राज्य में चुनाव ड्यूटी पर गए हैं। लावारिस मिले डाक मत पत्र इन सैनिकों के लिए ही आए थे। मंगलवार की शाम कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने डाक मत पत्र पड़े होने की सूचना पुलिस को दी थी। इस सूचना के बाद एडीएम एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष वर्मा और पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इस मामले में संतोष वर्मा का कहना है कि लिफाफे में बंद तीन डाक मत पत्र एक मीडियाकर्मी को मिले थे, जिन्हें जब्त कर थाने में जमा करा दिया गया है। जबकि दूसरे जिलों से जारी किए गए 73 खाली डाक मत पत्रों को संबंधित मतदाताओं (नगर सैनिकों) को भेजा जाएगा। होम गार्ड के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई : कलेक्टर सुदाम पी खाडे ने बताया कि मामले की जांच एडीएम संतोष वर्मा से कराई गई है। इस मामले में होम गार्ड के डीजी डीसी सागर द्वारा संबंधित जवानों की भूमिका की जांच की जाएगी। जिन जवानों को यह डाक मत पत्र बांटने काम दिया गया था, उनके खिलाफ होम गार्ड द्वारा कार्रवाई की जाएगी।