भोपाल(ईन्यूज एमपी)- उच्चतर माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक के बाद राज्य सरकार ने प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती की तैयारी भी शुरू कर दी है। स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग मिलकर करीब 10 हजार शिक्षकों की भर्ती कर रहे हैं। प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) को भेजा जा चुका है। भर्ती प्रक्रिया जनवरी 2019 में शुरू होने की संभावना है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों को नए साल में शिक्षक मिलने की संभावना बन रही है। राज्य सरकार तीनों संवर्ग की भर्ती कर रही है। भर्ती प्रक्रिया 29 दिसंबर 2018 से ही शुरू हो जाएगी। जबकि प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती के लिए फरवरी या मार्च 2019 में चयन परीक्षा कराई जा सकती है। विभाग ने पीईबी को प्रस्ताव सौंप दिया है। आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद पीईबी चयन परीक्षा की तारीख घोषित करेगा। सरकार ने आचार संहिता प्रभावी होने के एक दिन पहले यह प्रस्ताव भेजा है, जिस पर आचार संहिता के चलते अब तक कार्यवाही शुरू नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शिक्षकों के 70 हजार पद खाली हैं। इनमें से सरकार ने 31 हजार 658 पद स्वीकृत किए हैं। सरकार उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के 17 हजार और माध्यमिक शिक्षक संवर्ग के 5 हजार 670 पदों पर परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर चुकी है। यह परीक्षाएं क्रमश: 29 दिसंबर 2018 और 19 जनवरी 2019 से शुरू की जा रही हैं। लगातार कम हो रहे पद स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षकों के पद लगातार कम हो रहे हैं। वर्ष 2010 में 'नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई)" लागू होने के बाद यह स्थिति बनी है। इस कानून के तहत गरीब और कमजोर वर्ग के लोग अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल की बजाय प्राइवेट स्कूलों में करा रहे हैं। इसी कानून में विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात (35:1) व्यवस्था भी दी गई है। इस हिसाब से प्राइमरी स्तर पर विद्यार्थी कम हुए तो शिक्षक भी कम होंगे। ज्ञात हो कि 2007 में सहायक शिक्षकों के 2.35 लाख पद स्वीकृत थे, जो अब करीब 1.70