रायपुर(ईन्यूज एमपी)- विधानसभा चुनाव निपटते ही कांग्रेस के प्रदेश संगठन में बदलाव की चर्चा एक बार फिर से शुरू हो गई है। चुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश पदाधिकारियों के प्रभाव वाले क्षेत्र में कामकाज की समीक्षा होगी और उसके बदलाव किया जा सकता है। पार्टी के भीतर इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि लोकसभा चुनाव के पहले संगठन में फेरबदल होगा। चुनाव के पहले जब सीट की सौदेबाजी वाला वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, तब प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की अटकलें लगने लगी थीं। पार्टी हाईकमान ने इस मामले को गंभीरता से लिया और वीडियो को दरकिनार करके केवल चुनाव को फोकस करने की नसीहत दी। इसके बाद भाजपा के आरोपों पर पलटवार न करके कांग्रेस के सारे नेता चुनावी अभियान में जुट गए। अब चुनाव निपट चुका है, तो फिर से गुटबाजी भीतर ही भीतर पनपने लगी है। कुछ वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि अब संगठन में बदलाव होना चाहिए। हालांकि, यह भी तय माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे के आधार पर फेरबदल होना लगभग तय ही है। अगर, कांग्रेस का वनवास खत्म नहीं होता है, तब तो प्रदेश संगठन के बड़े पदाधिकारियों के अलावा चुनाव समितियों के अध्यक्षों को भी उसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। उस स्थिति में हाईकमान नए और युवा चेहरों को आगे लाकर संगठन की जिम्मेदारी सौंप सकता है। दूसरी तरफ, पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि यदि, कांग्रेस अपना वनवास खत्म करके सत्ता में आने में सफल होती है, तो भी संगठन स्तर पर बदलाव होगा, क्योंकि वरिष्ठ नेताओं को सरकार चलाने की जिम्मेदारी मिल जाएगी। संगठन की जिम्मेदारी दूसरे कंधों पर डाली जाएगी।