रायपुर(ईन्यूज एमपी)-छत्तीसगढ़ अगली सरकार किसकी आएगी यह तो 11 दिसंबर की मतगणना के बाद तय होगा परंतु राज्य में कई तरह की सुगबुगाहट पहले ही दिखने लगी है। ऐसी ही एक सुगबुगाहट राज्य की नौकरशाही में भी दिख रही है। कुछ तो आश्वस्त दिख रहे हैं पर कुछ के चेहरों पर परेशानी के भाव भी दिखने लगे हैं। ऐसे अधिकारी जिनकी कुल सेवा 15 वर्ष से कम की है और पूरी सेवा ही भाजपा सरकार के मुताबिक है वे कुछ अधिक ही असहज हैं। राज्य की नौकरशाही का एक बड़ा तबका ऐसा है जिसकी सेवा ही भाजपा सरकार में प्रारंभ हुई और वे लगातार एक ही सिस्टम में चल रही है। उनको अब थोड़ी सी चिंता होने लगी है कि यदि सत्ता का केंद्र बदल गया तो क्या होगा। हालांकि इस सवाल पर ऐसे अधिकारी निश्चिंत दिख रहे हैं जिन्होंने कई बसंत देखे हैं। वैसे भी नौकरशाही उसी की होती है जो सत्ता पर काबिज रहता है पर नौकरशाहों में कुछ नाम ऐसे भी है जिन पर व्यक्ति विशेष व दल विशेष होने का आरोप है। विधानसभा चुनाव के बाद कुछ नौकरशाहों की आत्मा परिवर्तित भी होती दिख रही है। हालांकि यह आकलन कर पाना कि सत्ता का केंद्र में कौन बैठेगा यह तो मुश्किल है पर नौकरशाही ने अगली सरकार के लिए अपनी तैयारी प्रारंभ कर दिया है। कुछ ने अपने को उस मुताबिक तैयार करना प्रारंभ कर दिया है कि जिसकी भी सत्ता आएगी वह उनके मुताबिक कार्य करेंगे। नौकरशाही को इस बात की चिंता नहीं है कि सरकार किसकी आएगी वह तो नई सरकार व उसकी कार्यप्रणाली क्या होगी यह सोचकर अपनी तैयारी कर रहे हैं।