रायपुर(ईन्यूज एमपी)- महंगे शौक पूरा करने और शार्टकट में करोड़पति बनने के चक्कर में छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड कोरबा में पदस्थ रहे संविदा इंजीनियर ने ठगी का रास्ता अपना कर अपने ही सीनियरों को चूना लगा दिया। हाई प्रोफाइल रूतबा बताकर, आइ ट्वेटी कार में घूमकर लोगों को न केवल प्रभावित किया बल्कि 12 डिप्लोमा इंजीनियरों को बिजली कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठग लिए। ठगी के शिकार इंजीनियरों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है। शिकायत पर पुलिस ने आनन-फानन में एफआइआर दर्ज कर महाठग इंजीनियर पुष्पेन्द्र देवांगन (25) को रविवार गिरफ्तार कर लिया। एडिशनल एसपी क्राइम दौलत राम पोर्ते, क्राइम ब्रांच प्रभारी अश्विन राठौर ने रविवार शाम को पुलिस कंट्रोल रूम में ठगी मामले का राजफाश किया। उन्होंने बताया कि पंडरी स्थित अशोका इम्प्रेशन में किराए के मकान में रहने वाला पुष्पेन्द्र देवांगन मूलतः जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र के ग्राम सकर्रा का निवासी है। एसईबी कोरबा में वर्ष 2013 से अगस्त 2018 तक वह संविदा में इंजीनियर के पद पर कार्यरत रहा। उस दौरान 12 डिप्लोमा इंजीनियरों को कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर प्रत्येक से 5-5 लाख रुपये ठगे थे। ठगी के शिकार सुरेन्द्र कुमार वर्मा को जूनियर इंजीनियर एवं वंदना देवांगन से फार्मासिस्ट के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर 3 लाख 70 हजार रुपये लिए थे। इन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया था। ऐसे लिया झांसे में बलौदाबाजार जिले के ग्राम रावन निवासी सुरेंद्र कुमार वर्मा ने पंडरी पुलिस को बताया कि शासकीय पॉलीटेक्निक खैरागढ़ से उसने इंजीनियरिंग की डिप्लोमा हासिल की है। उसी कॉलेज में उसका जूनियर पुष्पेन्द्र देवांगन भी अध्ययनरत था। कई वर्षों से पुष्पेन्द्र से परिचित होने के कारण उस पर विश्वास कर धोखा खा गया। सीएसपीजीसीएल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर पुष्पेंद्र ने न केवल पैसे ठगे बल्कि जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) का फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया। जब वे नियुक्ति पत्र लेकर दफ्तर गए तब फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पैसे वापस मांगने पर पुष्पेंद्र ने किश्तों में एक लाख लौटाया। बाकी रकम हजम कर ली। इसी तरह से उसने बजरंग नगर बिरगांव निवासी वंदना देवांगन से बिजली कंपनी के स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी लगाने के नाम पर पैसे ठगे। फर्जी सील-मुहर, लेटरपेड बरामद कंपनी में काम करने के दौरान उसने कार्यालय के सील-मुहर, लेटरपेड का नकल कर वैसा ही लेटर पेड व सील बनवा कर रख लिया था। वह पीड़ितों को खुद का हस्ताक्षर कर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देता था। ज्यादातर पीड़ितों को उसने कंपनी के बड़े अधिकारियों से जान-पहचान होने का हवाला देकर झांसे में लिया। पुलिस टीम ने आरोपी के कब्जे से एक लैपटॉप, दो आई फोन, नकद सोलह हजार रुपये, आई फोन की घड़ी, चार नग सील, आई-20 कार आदि बरामद किया है। इनको बनाया शिकार शातिर ठग पुष्पेंद्र देवांगन ने बिजली कंपनी में नौकरी दिलाने का सपना दिखाकर डिप्लोमा इंजीनियर सुरेन्द्र कुमार वर्मा से 1.70 लाख, वंदना देवांगन से 2 लाख, सुधीर देवांगन से 3 लाख, रुपेन्द्र साहू से 2.50 लाख, दिनेश कुमार नेताम से 2.50 लाख, रुपेश पटेल से 2.30 लाख, नरोत्तमदास मानिकपुरी से 3 लाख रुपये ठगे हैं।