भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- एक बर्खास्त सिपाही ने व्यापमं का अधिकारी बनकर सात से अधिक लोगों से 30 लाख रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की। इसने पुलिस कर्मियों के परिजनों के साथ आमजन को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी की। पुलिस ने चार धाराओं में केस दर्ज किया है। मामला सामने आने के बाद से आरोपी फरार है। बाणगंगा पुलिस के अनुसार, आरोपी राघवेंद्र चौहान (38) मूलत: इंदौर के गाडराखेड़ी मरीमाता का रहने वाला है। 6 नवंबर को मरीमाता स्थित होटल के संचालक परमजीत सिंह भिंडर (58) निवासी गंगा देवी नगर, जगमीत कौर, विनय, आरक्षक यतेंद्र सिंह, आरक्षक सिरेश सिंह, सरोज और आरक्षक ब्रजेंद्र सिंह ने इसके खिलाफ शिकायत की थी। इन्होंने पुलिस को बताया कि सरकारी नौकरी लगवाने और प्लॉट खरीदने के नाम पर बड़ी राशि ले ली। शिकायतकर्ता परमजीत ने कहा आरोपी चौहान का 30 जनवरी को कॉल आया। उसने कहा- मैं व्यापमं में अधिकारी बन गया हूं। ऊपर के अफसरों से सांठ-गांठ हो गई है। तुम्हारे बेटे लकी की पटवारी में नौकरी लगवा सकता हूं। मैं उसकी बातों में आ गया और ब्याज पर रुपए लेकर उसे 10 लाख रुपए दे दिए। इसी तरह मेरे बेटे के दोस्त असीम व्यास से भी पटवारी की नौकरी लगवाने के नाम पर 10 लाख रुपए ऐंठ लिए। जगमीत कौर ने बताया सरकारी नौकरी लगाने का बोलकर उससे 2.50 लाख रुपए ले लिए। अजय कटारिया से उसकी बहन की नौकरी लगवाने के नाम पर चार लाख रुपए ले लिए। सरोज से उसकी बेटी की बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर पांच लाख रुपए ले लिए। साथ ही पुलिसकर्मी यतेंद्र सिंह को प्लॉट दिलाने के नाम पर साढ़े पांच लाख रुपए, प्रधान आरक्षक सिरेश सिंह से 2.50 लाख रुपए व ब्रजेंद्र सिंह के मामा सुरेश सिंह से 2.50 लाख रुपए लेकर फरार हो गया।