राजगढ़ - शिक्षक स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति पर भी ध्यान दें। स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के माता-पिता से उनके घर जाकर संपर्क करें। बच्चे शिक्षित होंगे तो वे सभ्य एवं शिक्षित समाज का निर्माण करेंगे और देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी का निर्वहन करेंगे। यह बात आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में सांझा चूल्हा एवं मध्याह्न भोजन कार्यक्रम क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोड़े ने दिए। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जे.के. जैन, डीपीसी श्री विक्रम सिंह राठौर, प्रभारी अधिकारी एमडीएम एवं जिला रोजगार अधिकारी श्री बी.एस. मीना, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री प्रफुल्ल खत्री, बीईओ, बीआरसी, सुपरवाईजर्स महिला एवं बाल विकास, क्वालिटी मैनेजर एमडीएम मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री पिथोड़े द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने, आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को नाश्ता देने, गुणवत्तापूर्ण एवं मेन्यू अनुसार मध्याह्न भोजन देने, दुग्ध वितरण कार्यक्रम के दौरान साफ एवं स्वच्छ ग्लास में बच्चों को दुग्ध पीने के उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किचनशेड, मध्याह्न भोजन एवं नाश्ता बनाने तथा खाने के बर्तनों की सफाई रहे अन्यथा यह बीमारी के घर बनेंगे। उन्होंने रसोईयों का मानदेय प्रतिमाह दिए जाने के भी निर्देश संबंधितों को दिए। इस अवसर पर स्कूलों में मध्याह्न भोजन के बरतनों की चोरी की शिकायतों के मद्देनजर पुलिस में रिपोर्ट लिखाने, पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखने एवं बर्तनों में संस्था का नाम लिखाने (टंकित) के निर्देश भी उन्होंने दिए। उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों से कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा अपनत्व की भावना रखकर व्यवहार करने ताकि वे समाज के समग्र विकास में वे कमजोर नहीं रहें, इस ओर विशेष ध्यान रखने के निर्देश महिला एवं बाल विकास के पर्यवेक्षकों को दिए।