रायसेन : जिला न्यायालय सहित जिले की सभी तहसीलों में नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई। इस नेशनल लोक अदालत में 1 लाख 45 हजार 058 प्रकरणों का निपटारा किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रातः 10.30 बजे जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर श्री जेके जैन तथा जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश श्री शिशिरकांत चौबे द्वारा न्यायालय परिसर में दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायालय के जज, एसपी श्री दीपक वर्मा, अधिवक्ताओं सहित अनेक पक्षकार उपस्थित थे। जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश श्री चौबे ने जानकारी दी कि जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 1 लाख 62 हजार 741 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 1 लाख 45 हजार 058 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिनकी अवार्ड राशि 9 करोड़ 42 लाख 37 हजार 788 रूपए है। श्री चौबे ने बताया कि कोर्ट में लंबित 1801 मामलों का आज निराकरण किया गया। त्वरित निराकरण का अच्छा विकल्प है लोक अदालत- जिला जज जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश श्री शिशिरकांत चौबे ने वृहद लोक अदालत के आयोजन के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जनता में जागरूकता बढ़ी है। जिसके चलते लोग उपलब्ध अवसर का पूरा लाभ लेना चाहते हैं। यही कारण है कि पहले की तुलना में लोगों का इस ओर रूझान बढ़ा है और वे अपने लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए लोक अदालत को बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कलेक्टर श्री जेके जैन एवं एसपी श्री दीपक वर्मा सहित जिले के सभी जज, अधिवक्ता तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों को इस नेशनल लोक अदालत को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने यह भी बताया कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं की समन्वय समिति के सदस्य सुबह 10.30 बजे से शाम 06 बजे तक न्यायालय में उपस्थित रहे और अनेक पक्षकारों को सलाह एवं समझाईश से उनके प्रकरणों के निराकरण के लिए राजी कराया गया। उन्होंने यह भी बताया कि पति-पत्नि के बीच उत्पन्न विवाद से तलाक की कगार पर पहुंच गए 09 प्रकरणों का नेशनल लोक अदालत में निराकरण किया गया। इस नेशनल लोक अदालत में आने के बाद वे साथ रहने के लिए राजी हो गए। इन प्रकरणों का हुआ निराकरण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती ऊषा तिवारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार नेशनल लोक अदालत में कोर्ट में लंबित 1801 मामलों का निराकरण किया गया जिसका अवार्ड राशि दो करोड़ 35 लाख 35 हजार 800 रूपए है। इसी प्रकार 196 सिविल प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें अवार्ड राशि 67 लाख 99 हजार 366 रूपए है। पानी के बिलों से संबंधित 374 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिनकी अवार्ड राशि तीन लाख 66 हजार 552 है। वन विभाग से संबंधित 293 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिनकी अवार्ड राशि 78 हजार 744 है। इसी प्रकार मनरेगा के 31293 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिनकी अवार्ड राशि पांच करोड़ 44 लाख 74 हजार 208 रूपए है। साथ ही अन्य प्रकरणों में 89 लाख 77 हजार 235 रूपए की अवार्ड राशि के एक लाख 11 हजार 100 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस प्रकार प्रिलिटिगेशन के एक लाख 55 हजार 867 प्रकरणों में से एक लाख 43 हजार 257 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसकी अवार्ड राशि सात करोड़ सात लाख एक हजार 988 रूपए है। अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश तृप्ति शर्मा ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में बीमा के 221 प्रकरणों में से 77 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिनकी अवार्ड राशि एक करोड़ 75 लाख 67 हजार रूपए है। वर्षो से लंबित प्रकरण निपटने पर मिली राहत ग्राम सलामतपुर निवासी अंजनी कुमार ठाकुर ने नेशनल लोक अदालत में पांच वर्ष पुराने प्रकरण का निराकरण होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि पांच साल पहले उन्होंने बीएसएनएल से इंटरनेट कनेक्शन लिया था। किन्तु कुछ महीनें बाद ही इंटरनेट सर्विस बंद हो गई थी। इसकी सूचना मैंने संबंधित केन्द्र को दी थी लेकिन बीएसएनएल से लगातार बिल प्राप्त हो रहे थे। आज नेशनल लोक अदालत में मुझे लंबित 6530 रूपए के बिल पर 50 प्रतिशत छूट के बाद मैनें 3500 रूपए जमा कर दिए। बिजली के भारी-भरकम बिल से मिली निजात नेशनल लोक अदालत में आए ग्राम बारला निवासी श्री हरिलाल ने बताया कि विगत एक साल से विद्युत विभाग द्वारा निरंतर भेजे जा रहे बिलों का मेरे द्वारा भुगतान नहीं किया जा सका था, जिस पर पेनाल्टी बढ़ रही थी। मुझे नेशनल लोक अदालत में इस प्रकरण के निराकरण के संबंध में सूचना मिलने पर बिलों के निराकरण के लिए आया हूं। मुझे यहां बताया गया कि ब्याज पर 75 प्रतिशत छूट दी जाएगी।