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मुखौटा देख चौंके नहीं


विदिशा: अगर घर के प्रवेश द्वार पर की दीवार पर किसी प्रकार का हरा, पीला, लाल रंग से बना हुआ मुखौटा दिखे तो जनसामान्य इससे चौंके ना। जिले में कुपोषण से जंग सुपोषण के संग के तहत स्नेह सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत चिन्हित घर के प्रवेश द्वार की दीवार पर मुखौटा बनाकर इस बात को रेखांकित किया जा रहा है कि अमूक घर में रह रहा बच्चा सामान्य, मध्यम अथवा अतिकम वजन का है जिस पर विशेष ध्यान देने की बात है।
जिले में जारी स्नेह सम्मेलन की क्रास मॉनिटरिंग महिला एवं बाल विकास विभाग के डीपीओ श्री देवेन्द्र सुंदरियाल के द्वारा कराई जा रही है।
डीपीओ श्री सुंदरियाल ने स्वंय आज विदिशा शहरी क्षेत्र की आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक 1/82 जो जानकी नगर में स्थित है का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने वहां उपस्थित बच्चों के वजन लेने तथा यूनिसेफ द्वारा कुपोषण से जंग सुपोषण के संग का प्रोफाइल कार्ड में अंकित की जाने वाली जानकारियों का भी बारीकी से निरीक्षण किया। इस अवसर पर मौजूद डाक्टर प्रमोद मिश्रा ने बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान चार अति कम वजन के बच्चे पाए गए जिन्हें एनआरसी में भर्ती कराने की प्रक्रिया क्रियान्वित की गई है।
डीपीओ श्री सुंदरियाल ने बताया कि स्नेह सम्मेलन के तहत जिन घरो में सामान्य, मध्यम एवं अति कम वजन के बच्चे है उन घरो की दीवारो पर मुखौटा के माध्यम से चिन्हांकन किया जा रहा है तदानुसार मुस्कुराता चेहरा हरे रंग का मुखौटा सामान्य बच्चा होने को दर्शाता है। इसी प्रकार सामान्य चेहरा और पीले रंग का मुखौटा जिस घर में बना पाया जाता है उस घर का बच्चा मध्यम वजन का है। जबकि दुःखी चेहरा और पीले लाल रंग से मुखौटा बना पाया जाने पर संबंधित घर में निवास कर रहा बच्चा अतिकम वजन का है।
श्री सुंदरियाल ने आंगनवाड़ी केन्द्र में उपस्थित बच्चों के अभिभावकों से कहा कि वे अपने बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों पर नियमित भेजे, ऐसे बच्चे जो कम, अति कम वजन के पाए गए है उन पर विशेष नजर रखी जाएगी और उन्हें अतिरिक्त डाइट एवं चिकित्सक की देखभाल जैसी सुविधा विशेष तौर पर मुहैया कराई जाएगी।

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