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स्वास्थ्य मंत्री विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस में शामिल हुए



दतिया: मध्यप्रदेश शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र आज शनिवार को राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस 2015 के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचकर मॉ सरस्वती की प्रतिमा की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम में आए हुए सभी किसान भाईयों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के युग में अपनी खेती की जमीन का मृदा परीक्षण करवाना अत्यंत जरूरी है। जमीन का परीक्षण के उपरांत पता लग जाता है कि हमें अब कौन की खेती करनी है। हमें हर समय अपनी जमीन में एक ही प्रकार की खेती नहीं करना चाहिए क्योंकि एक प्रकार की खेती करने पर मिट्टी में तत्वों की गिरावट आती जाती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जिस प्रकार से मनुष्य को बीमारी लगने पर डॉक्टर लोग आज के युग में सबसे पहले खून सहित अन्य जांचे करवाना जरूरी समझते है उसी प्रकार से आज के युग में हमें अपने किसानी खेती की जमीन की मिट्टी का परीक्षण अत्यंत आवश्यक है। परीक्षण के उपरांत हमें मालूम होता है कि हमारी जमीन क्या चाहती है। उस जमीन में किस प्रकार से सुधार कर अधिक लाभ लिया जा सकता है अभी हम परंपरागत गोबर का प्रयोग करते है। वर्तमान में मौसम चक्र विगड़ता जा रहा है जिससे किसानों की हालत दिन व दिन गिर रही है। यदि किसान को इस नुकसान से उबारना है तो हमें नये तरीके अपनाकर और जमीन का परीक्षण करवाकर मौसम चक्र के हिसाब से फसले बदल-बदल कर लेनी होगी। उन्होंने कलेक्टर द्वारा हैमरेड़ियो प्रारंभ करने की तकनीक बताते हुए जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला कलेक्टर श्री मदन कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मृदा परीक्षण शासन की एक महत्वपूर्ण कड़ी है क्योंकि जमीन के 6-7 सेटीमीटर अंदर से ही पौधे की अंदरूनी पकड़ होकर उत्पादकता बड़ती है। हमें मृदा परीक्षण से जमीन के स्वभाव के संबंध में जानकारी प्राप्त हो जाती है कि जमीन किस प्रकार की फसल चाहती है। क्योंकि किसान को मालूम नहीं रहता है कि उसके खेत में कौन सी फसल अच्छी आयेगी और उसे लाभ प्राप्त होगा।
कार्यक्रम में जिला कलेक्टर श्री मदन कुमार ने आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए हेमरेड़ियो का इस्तेमाल करने की जानकारी देते हुए कार्यप्रणाली के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर आपदा आने पर हम लोगों के मोबाईल काम नहीं करते है किन्तु हेमरेडियो इस प्रकार की नई तकनीकी है यह हर जगह सही रूप से काम करती है इसलिए इसे हम प्रायोगिक रूप से दतिया से हेमरेडियो की प्रणाली प्रारंभ करने की पहल कर रहे है उन्होंने बताया कि पूर्ण रूप से हेमरेड़ियो की प्रणाली सफल होने पर पूरे प्रदेश में प्रारंभ की जायेगी। कलेक्टर ने कार्यक्रम के पश्चात् कृषि विज्ञान केन्द्र में पहुंचकर नई तकनीकी के बारे मे जानकारी हासिल की तथा उपसंचालक कृषि श्री शर्मा को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री विनय यादव, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री कमलू चौबे के अलार्वा सर्वश्री विपिन गोस्वामी, राकेश भार्गव, भूरे चौधरी, मुकेश यादव, रमेश नाहर, गुड्डी साहू, झण्ड़ागुरू, श्रीमती सुलझणा गांगोटिया, श्रीमती कुमकुम रावत, कृषि विभाग के उपसंचालक श्री एनपी शर्मा, उद्यानिकी विभाग तथा आत्मा के अलावा कृषि से संबंधित अन्य अधिकारी व भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कृषि विभाग द्वारा लगाई हुई किसानों की बड़ी हुई फसल के उत्पादन की प्रदर्शषनी का स्वास्थ्य मंत्री एवं जिला कलेक्टर द्वारा अवलोकन भी किया गया।

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