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कार्टून एवं व्यंग्य चित्र अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम - कलेक्टर श्री सोलंकी

श्योपुर : राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य में विचारो की अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में कार्टूनों एवं व्यंग्य चित्रो का प्रभाव व महत्व पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री पीएल सोलंकी ने कहा कि कार्टून एवं व्यंग्य चित्र विचारो की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है। इसके जरिए कम अथवा बगैर शब्दो के किसी स्थिति, परिस्थिति, समाज, घटना आदि का चित्रण किया जा सकता है। जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा स्थानीय होटल में आयोजित इस संगोष्ठी में पुलिस अधीक्षक श्री एसके पाण्डे सहित पत्रकार गण, साहित्यकार एवं समाजसेवी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री सोलंकी ने अपने सारगर्भित उदबोदन में कहा कि कार्टून के माध्यम से समाज में घट रही घटनाओं के प्रभाव अथवा दुष्प्रभाव का संदेश देने के साथ ही राजनैतिक, प्राशसनिक हलचल एवं परिदृश्य का उल्लेख करने में भी कार्टून एक सशक्त माध्यम है, वही व्यंग्य चित्रो के माध्यम से चित्रकार निर्णयों एवं अन्य मामलो में सामाजिक विचारधारा की सोच प्रदर्शित करने का प्रयास करते है।
पुलिस अधीक्षक श्री पाण्डे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज संचारतंत्र की जद में पूरी दुनिया आ गई है। साईबर नेटिक्स का प्रभाव युवा पीढी पर सर्वाधिक है। वर्तमान युग में संचारतंत्र पर जिसका प्रभुत्व है वह अधिक शक्तिशाली हैं। सोशल मीडिया इसका उत्कृष्ट उदाहरण है। कार्टून एवं व्यंग चित्रो के माध्यम से अपने विचार प्रकट करने की विधा प्रिंट मीडिया से चली आ रही है, जिसने अब इलेक्ट्रोनिक मीडिया में भी विशेष स्थान हांसिल कर लिया है और सोशल मीडिया में इस विधा का अधिक उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने पत्रकारिता को बढावा दिया है और व्यंग्य करने की कला को गति प्रदान की है। उन्होंने यह भी कहा कि विचार अमूर्त है और एक विचारधारा के लोगो से समूह बनते है जो आगे जाकर संगठन का रूप ले लेते है।
साहित्यकार एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रभात प्रणय ने अपने उदबोदन में व्यंग्य चित्र एवं कार्टून कला के पुरातन इतिहास पर प्रकाश डालते हुए प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि व्यंग्य चित्र मरहम भी है तो वह नश्तर का भी काम करता है कार्टून एवं व्यंग्य चित्रो के बिना किसी भी पत्रिका एवं समाचार पत्र की पूर्णतः नही होती। जब मानस की भवनाओं को प्रकट करने का यह एक बेहतर माध्यम है तथा आसानी से लोगो तक अपनी बात पहुंचाने का सुलभ साधन भी है। उन्होंने इस अवसर पर वाचन परंपरा एवं लेखन परंपरा पर भी प्रकाश डाला।
पत्रकार एवं प्रेस क्लब के सचिव श्री बृजेश गर्ग ने अपने उदबोदन में कहा कि प्राचीन काल में भी चित्रो के माध्यम से विचारो की अभिव्यक्ति की जाती थी। आम जन तक अपने विचारो को पहुंचाने में कार्टून एवं व्यंग्य चित्र अपना महत्व रखते है। उन्होंने कार्टून, व्यंग्य चित्र, एवं फोटो को पत्रकारिता का अभिन्न अंग बताया।
समाजसेवी श्री अरूण ओसवाल ने अपने विचारो में कार्टून एवं व्यंग्य चित्रो की विधा को लेखन से अधिक महत्वपूर्ण बताया वहीं पत्रकार श्री रामभजन रावत ने इस विधा को भावनाओं के प्रवाह को उसी वेग के साथ समाज तक पहुंचाने की कला निरूपित किया। कार्यक्रम का संचालन युवा पत्रकार श्री गिर्राज शर्मा द्वारा किया गया तथा आभार प्रदर्शन श्री ताहिर उल्ला खान द्वारा किया गया। इसके पूर्व अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया।

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