ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)- ग्वालियर में आशा-उषा सहयोगिनियों का धरना प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। आशा उषा सहयोगिनी एकता यूनियन ने 7 मार्च से फूल बाग चैराहे पर धरना प्रदर्शन जारी रखा हुआ हैं। इन आशा कार्यकर्ताओं की मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी माना जाए, न्यूनतम वेतन 18000 रुपए किया जाए। आशा उषा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनका 3 दिन से धरना प्रदर्शन चल रहा हैं। लेकिन शहर में केंद्रीय मंत्री और राज्यमंत्री होने के बावजूद किसी ने उनकी सुध नहीं ली हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनके काम को देखते हुए अपनी जिम्मेदारी का वहन करें अन्यथा उसे चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ेगा। क्योंकि सबसे ज्यादा मैदानी कार्य आशा उषा कार्यकर्ता करती हैं। बावजूद उसके सरकार काफी कम वेतन उन्हें दे रही हैं। इन कार्यकर्ताओं को अपने कार्य के सिलसिले में ग्रामीण और दुर्जन इलाकों में जाना पड़ता हैं। सबसे ज्यादा जिम्मेवारी का काम होने के बावजूद सरकार न्यूनतम वेतन देने से भी आशा कार्यकर्ताओं को बच रही हैं। आशा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उसे उन्हें उनकी मांगे नहीं मानी गई तो सरकार अगले चुनाव में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। धरना प्रदर्शन को सीटू राज्य की जिला इकाई ने भी अपना समर्थन दिया हैं। वही आशा पूछा सहयोगिनियों के धरने पर बैठने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा प्रभावित हुई हैं। इसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।