उज्जैन : जनसंख्या शिक्षा परियोजना के अन्तर्गत शिक्षा मंत्री पारस जैन के मुख्य आतिथ्य में स्नातकोत्तर शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय दशहरा मैदान उज्जैन में राज्य स्तरीय रोल-प्ले एवं लोक नृत्य प्रतियोगिता का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश में बढ़ती जनसंख्या एक बड़ी समस्या है, इससे निजात पाना आवश्यक है। बढ़ती जनसंख्या के दुष्परिणामों में नैतिक पतन और राष्ट्रीय चरित्र के विकास में भी बाधा आती है। इसलिये जनसंख्या शिक्षा के प्रति समाज को जागरूक करने की आज आवश्यकता महसूस होने लगी है। सरकार द्वारा जन-जागृति के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। यह बात प्रदेश के शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन ने रोल-प्ले एवं लोकनृत्य की दो दिवसीय प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर कही। शिक्षा मंत्री पारस जैन ने कहा कि प्रारम्भिक प्रयास से जनसंख्या के बारे में जागरूकता पैदा करना आवश्यक है। नशामुक्ति पर कहा कि नशा एक व्यापक समस्या है। देश की युवा पीढ़ी, जिसके कंधों पर देश का भविष्य है और नशे की लत में दुर्बल होता जा रहा है। नशा के सेवन की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। अनेकों देश इससे त्रस्त हैं। स्कूल-कॉलेज के छात्रों में नशे का दुर्व्यसन लगातार पैर फैलाता जा रहा है। श्री जैन ने कहा कि हाल ही में उनके द्वारा भैरवगढ़ जेल का निरीक्षण किया गया था। वहां पर अधिकांश जेल में रहने वाले लोग नशे के कारण घटना कर जेल में आते हैं, यह भयावह स्थिति है। इसके लिये जन-जागृति का होना आवश्यक है। नशे की बुराईयों के प्रति युवाओं को जागृत करना जरूरी हो गया है। शिक्षा मंत्री श्री जैन ने बुजुर्गों के प्रति सम्मान का जिक्र करते हुए कहा कि हमें अपने बुजुर्गों के सम्मान के साथ-साथ माता-पिता और गुरू का सम्मान करना जरूरी है। बुजुर्गों की देखभाल और आत्मीय सम्मान सर्वोपरि है। पाश्चात्य संस्कृति में वृद्धाश्रम और निजी स्वतंत्रता के नाम पर बुजुर्गों की स्थिति अत्यन्त विकट देखने में आई है, किन्तु हमारी भारतीय संस्कृति की जड़ें गहरी और मजबूत हैं। उन्होंने उपस्थित जनों से कहा कि अपने पारम्परिक मूल्यों को याद रखते हुए युवा पीढ़ी को हमारी बुजुर्ग धरोहर को सहेजने की शिक्षा दें। आज की युवा पीढ़ी ही हमारा भविष्य है। यदि हमने अपने ही वृद्धों का सम्मान नहीं किया तो हम न केवल अपनी जड़ों से दूर हो जायेंगे वरन् एक समूची संस्कृति को भी खो देंगे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। पीजीबीटी महाविद्यालय के प्राचार्य श्री ए.पी.पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत कर स्वागत भाषण दिया। राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के अपर संचालक डॉ.ओ.पी.शर्मा ने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ अन्य विधाओं में भी हमें पारंगत होना चाहिये। शिक्षा के अलावा अन्य विधा जैसे- नृत्य, चित्रकला आदि विधाओं में भी दृढ़ता से अपनी प्रतिभाओं का निखार लाना चाहिये। इस अवसर पर विधायक डॉ.मोहन यादव, सेवा निवृत्त संयुक्त संचालक के.के.पाण्डेय आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संदीप नाडकर्णी ने किया।