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दिसम्बर माह में आयोजित होगा 7 दिवसीय मांडू उत्सव

धार : माण्डू टूरिज्म प्रोमोशन काउंसिल तथा जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में दिसम्बर माह में मांडू उत्सव का आयोजन होगा। इसके लिए प्रारंभिक तौर पर 21 से 27 दिसम्बर तक सात दिवसीय आयोजन की तिथियॉ प्रस्तावित की गई। मांडू उत्सव में पिछले वर्ष की तरह एंडवेन्चर व वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियो के साथ सांस्कृतिक कार्यकम मुख्य आकर्षण होगे।
इसके अलावा फूड फेस्टिवल, हेण्डीक्राफ्ट मेला के साथ फोटोग्राफी व पेंटिंग प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। मांडू उत्सव हेरीटेज वाक, ट्रेकिंग, सायकिल प्रतियोगिता, स्टार गेजिंग तथा कवि सम्मेलन आदि कार्यक्रमो का आयोजन होगा। उक्त सभी कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारियों को लेकर कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत की अध्यक्षता में गत दिवस कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला अधिकारियों की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में माण्डू उत्सव के सफल आयोजन के लिए 14 समितियॉ गठित की गई तथा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौपी गई। एडवेन्चर गतिविधियों के मीरा की जिरात तक पहुंचने के लिए सम्पर्क मार्ग को ठीक कराने के निर्देश कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर पंचायत माण्डव को सौंपी गई। बैठक में पिछले वर्ष के माण्डू उत्सव की स्मारिका के प्रकाशन पर भी चर्चा की गई तथा स्मारिका का विमोचन भी माण्डू उत्सव 2015 में कराने के निर्देश दिए गए।
माण्डू उत्सव 2015 के आयोजन के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए कहा गया। रेडियो मिर्ची पर विज्ञापन प्रसारण के साथ ही होर्डिंग, बैनर तैयार कराने के लिए निर्देशित किया गया। फोटोग्राफी प्रतियोगिता की जिम्मेदारी उप संचालक जनसंपर्क तथा पेंटिंग प्रतियोगिता की जिम्मेदारी प्राचार्य शासकीय ललित कला महाविद्यालय धार को सौपी गई। माण्डू उत्सव में 800 बच्चों की सहभागिता की जिम्मेदारी आदिवासी विकास विभाग तथा शिक्षा विभाग को सौपी गई। ये बच्चे हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्तर के होगे। खेलकूद विभाग को इसमें जोड़ने के लिए कहा गया। माण्डू टूरिज्म प्रमोशन काउसिंल के लिए सदस्यता शुल्क 500 रूपये निर्धारित करने तथा किन्ही दो गतिविधियों का निःशुल्क लाभ दिए जाने पर विचार किया गया।
बैठक में माण्डू उत्सव को भव्य स्वरूप देने के लिए अन्य गतिविधियों के आयोजन हेतु सुझाव लिए गए। इनमें सभी सातों दिवस सांस्कृतिक गतिविधियॉ आयोजित करने पर विचार किया गया। वही आतिशबाजी किए जाने, गुब्बारों से सजाने आदि के भी सुझाव दिए गए। माण्डू की इमारतों को लाईटों से जगमगाने का प्रस्ताव भी दिया गया।

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