रायसेन : प्रतिकूल मौसम के कारण फसलों को होने वाले नुकसान से मौसम आधारित मौसम बीमा के द्वारा सुरक्षा देने संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री जेके जैन की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा बैंकों के प्रतिनिधियों को विस्तार से जानकारी दी गई। रायसेन जिले में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा उद्यानिकी फसलों का बीमा किया जा रहा है। कार्यशाला में कलेक्टर श्री जेके जैन ने कहा कि जिले में उद्यानिकी फसलों को प्रतिकूल मौसम के कारण हुए नुकसान से सुरक्षा देने के लिए गांवों में जाकर जिले के समस्त किसानों को मौसम बीमा की जानकारी प्रदान की जाए। उन्हें बीमा कराने के फायदे और बीमा न होने के नुकसान के बारे में व्यवहारिक ढंग से बताया जाए ताकि वे इस बीमा योजना का लाभ ले सके। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा ली जाने वाली फसलों की जानकारी अद्यतन होनी चाहिए और राजस्व रिकार्ड में भी दर्ज होनी चाहिए। यह मौसम बीमा योजना ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य है तथा अऋणी किसानों के लिए स्वैच्छिक है। भारत सरकार के निर्देशानुसार ऋणी किसान वह है जिनके लिए अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल के लिए संदर्भित इकाई क्षेत्र में वित्तीय संस्था या बैंक से अनुमोदित ऋण या साख स्वीकृत किया गया है। बीमित राशि लगभग कृषि कार्य खर्च के बराबर रहेगी। कार्यशाला में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक सुमन राय चौधरी ने मौसम बीमा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री एनएस तोमर, एलडीएम श्री आरएन दास सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। मौसम बीमा क्या है और क्यों जरूरी है कार्यशाला में जानकारी दी गई कि मौसम बीमा एक ऐसा बीमा है जो विषम या प्रतिकूल मौसम के कारण फसलों को होने वाली हानि से सुरक्षा देता है, उसकी भरपाई करता है। मौसम विषम या प्रतिकूल हो तो उसका असर फसलों पर पड़ सकता है और ऐसे होने पर अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित पॉलिसी अवधि के दौरान अधिसूचित फसल नष्ट होती है। तो क्षतिपूर्ति की राशि अपने आप ही बीमा कराए हुए किसानों के बैंक खाते में जमा कर दी जाती है। इसलिए सुरक्षा और क्षतिपूर्ति को ध्यान में रखते हुए किसानों को मौसम बीमा करवा लेना चाहिए। किन फसलों का होगा बीमा जारी अधिसूचना के अनुसार रायसेन जिले में खरीफ फसलों में टमाटर, बैंगन, प्याज, मिर्च तथा रबी फसलों में टमाटर, बेगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, प्याज, आलू, लहसुन, धनियॉ, हरी मटर तथा आम की फसल का बीमा किया जाएगा। मौसम बीमा किन किसानों के लिए है हर वो किसान जो अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल की खेती कर रहा हो, यह बीमा करवा सकता है। लेकिन ऋणी किसानों को ये बीमा लेना अनिवार्य है, जबकि गैर ऋणी किसानों के लिए ये बीमा वैकल्पिक है। क्षतिपूर्ति की क्या प्रक्रिया है मौसम बीमा के अंतर्गत क्षतिपूर्ति का भुगतान जल्द से जल्द होता है। जो बीमा या जोखित अवधि के समाप्त होने के बाद, आमतौर पर 45 दिनों के भीतर हो सकता है। मौसम बीमा पंजीकरण की तारीख समाप्त होने से पहले करवा लेना चाहिए। मौसम बीमा के लिए कौन से दस्तावेज जरूरी है मौसम बीमा के लिए पहचान पत्र, भूमि दस्तावेज, बैंक पासबुक, बैंक खाते के साथ आईएफएससी कोड, यथावत हस्ताक्षरित प्रस्ताव, स्व हस्ताक्षरित दस्तावेज, मतदाता पहचान पत्र तथा मोबाइल नम्बर होना जरूरी है।