रायसेन: मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवम्बर से रायसेन पुलिस द्वारा आपकी पुलिस आपके पास अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत पुलिस 10 दिनों तक लगातार गांवों का भ्रमण कर पुलिस से संबंधित समस्याओं और शिकायतों को सुनेगी और उनका मौके पर ही निराकरण करेगी। एसपी श्री दीपक वर्मा ने बताया कि कई बार ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याएं थानों तक नहीं आ पातीं और अनेक छोटे-छोटे विवाद जिन्हें तुरंत सुलझाया जा सकता है वे बड़ा स्वरूप ले लेते हैं। ऐसी समस्याओं एवं शिकायतों का त्वरित निराकरण करने के उद्देश्य से ही पुलिस द्वारा आपकी पुलिस आपके पास अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी थाना प्रभारी द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले गांवों का भ्रमण किया जा रहा है। पुलिस द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किए जा रहे भ्रमण की प्रतिदिन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रमोद सोनकर द्वारा समीक्षा की जा रही है। एक नवम्बर से प्रारंभ किए गए इस अभियान के तहत थाना प्रभारियों द्वारा पहले दिन 60 गांवों का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान पुलिस से संबंधित 50 से भी अधिक शिकायतों का मौके पर ही निराकरण किया गया। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस बाड़ी द्वारा अपने अनुभाग के ग्राम ईटखेड़ी, सेमरीकलां, कैम्प नम्बर-03, कैम्प नम्बर-05 का भ्रमण किया गया। इसी प्रकार अनुविभागीय अधिकारी पुलिस औबेदुल्लागंज द्वारा ग्राम भियांपुर, दिलवाढ़, उमरिया, बॉसकुंवर तथा बरखेड़ा के ग्रामों का भ्रमण किया गया। अभियान के अंतर्गत थाना प्रभारी सांची द्वारा 04 गांव, थाना प्रभारी सलामतपुर द्वारा 03 गांव, थाना प्रभारी उमरावगंज द्वारा 04, थाना प्रभारी गैरतगंज द्वारा 04, थाना प्रभारी देवनगर द्वारा 05, थाना प्रभारी बाड़ी द्वारा 04, थाना प्रभारी बरेली द्वारा 02, थाना प्रभारी उदयपुरा द्वारा 05, थाना प्रभारी सिलवानी द्वारा 03, थाना प्रभारी बम्होरी द्वारा 05, थाना प्रभारी भारकच्छ द्वारा 03, थाना प्रभारी देवरी द्वारा 03, थाना प्रभारी नूरगंज द्वारा 02, थाना प्रभारी औबेदुल्लागंज द्वारा 05, थाना प्रभारी सुल्तानगंज द्वारा 05, थाना प्रभारी मण्डीदीप द्वारा 03 ग्रामों का भ्रमण किया गया। ग्रामवासियों ने कहा अच्छी पहल है पुलिस के ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण को कई ग्रामवासियों ने अच्छी पहल बताया। उन्होंने कहा कि कई छोटी-छोटी समस्याओं का तुरंत समाधान हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार लोग थाने तक नहीं जा पाते वे गांव में पुलिस वालों से खुलकर बात कर सकते हैं और अपनी समस्याएं बता सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए पुलिस से संबंधित शिकायतों, समस्याओं के निराकरण का यह अच्छा अवसर है।