भोपाल : भोपाल के नबी बाग से रेस्क्यू कर पन्ना टाईगर भेजे गये बाघ टी-7 ने नये परिवेश के साथ सामंजस्य बिठाना शुरू कर दिया है। बड़गड़ी बाड़े में मुक्त किया गया बाघ स्वस्थ है। पहले दिन चुपचाप बैठने के बाद उसने बाघोचित व्यवहार आरंभ कर दिया है। जल्द ही बाघ को रोडियो कॉलर पहनाकर अनुश्रवण के दायरे में लाया जायेगा। इस बाघ के पहुँचने से पन्ना में बाघों की संख्या पुन: 32 हो गयी है। बाघ टी-7 29 अक्टूबर, 2015 को भटककर भोपाल के कृषि अभियांत्रिकी संस्थान परिसर में पहुँच गया था। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के प्रशिक्षित रेस्क्यू दल ने बाघ को बेहोश कर पकड़ने में कामयाबी हासिल की। बाघ को एंटीडोट देने के बाद पिंजरे में वन विहार लाया गया था। वरिष्ठ वन अधिकारियों ने बाघ के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उसे प्राकृतिक रहवास में पन्ना छोड़ने का निर्णय लिया। वन्य-प्राणी चिकित्सक के साथ पन्ना टाइगर रिजर्व में 30 अक्टूबर को उसे स्वस्थ हालत में छोड़ा गया, जहाँ अधिकारियों की टीम गहन रूप से बाघ की निगरानी कर रही है।