भिण्ड : कलेक्टर श्री इलैया राजा टी ने कहा है कि जिला मुख्यालय के बस स्टेण्ड की व्यवस्थाओं को चुस्त और दुरूस्त बनाया जावे। इस व्यवस्था के अन्तर्गत शासकीय एवं प्रायवेट बस स्टेण्ड पर विभिन्न स्थानों के लिए जाने वाली बसों का परमिट के आधार पर आवागमन सुनिश्चित किया जावे। वे आज कलेक्टर चैम्बर में आयोजित बस स्टेण्ड की व्यवस्था सुधारने हेतु आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एसडीएम श्री बीबी अग्निहोत्री, प्रभारी आरटीओ श्री एसएस सिकरवार एवं संबंधित विभागीय अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। कलेक्टर श्री इलैया राजा टी ने कहा कि बस स्टेण्ड को स्वच्छ बनाने की दिशा में जिन-जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है उसका निर्वहन समय-सीमा में किया जावे। साथ ही बस स्टेण्ड के शौचालय सडक पर से आम जनता को दिखाई देना चाहिए। जिससे ये यात्री उनका उपयोग कर सके। इसीप्रकार बस स्टेण्ड का व्यू भी स्पष्ट और स्वच्छ दिखे। इस दिशा में भिण्ड के चित्र भी प्रदर्शित किए जा सकते है। साथ ही दीवाल पर स्लॉगन शासन हित में लिखे जाकर बस स्टेण्ड का नाम भी स्पष्ट रूप से सभी को दिखे। इस दिशा में आवश्यक गतिविधियों को समय-सीमा में अंजाम दिया जावे। कलेक्टर ने कहा कि शासकीय एवं प्रायवेट बस स्टेण्ड से ग्वालियर, मुरैना, इटावा, लहार आदि स्थानों के लिए रवाना होने वाली बसों को व्यवस्थित ढंग से खडे करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। मेन सडक पर बसे खडी नहीं होना चाहिए। अगर कोई बस बेटिंग के लिए रूकती है, तब उसे वर्कशॉप के अंदर खडा कराया जावे। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को सुनिश्चित करने की दिशा में अधिकारी/कर्मचारियों की ड्यूटी रात और दिन के मान से लगाई जावे। साथ ही बस ऑपरेटरों की बैठक आयोजित कर उसमे उनको व्यवस्था सुधारने के संबंध में जानकारी दी जावे। उन्होंने कहा कि अगर किसी बस का ड्रायवर निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उस पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। इसीप्रकार खटारा बस एक माह के भीतर रिपेयर कराई जावे। इस दिशा में बस ऑपरेटरों को अवगत कराया जावे। उन्होंने कहा कि बिना परमिट के कोई भी बसे चलनी नहीं चाहिए। अगर कोई बस बिना परमिट के पाई जावे, तो उस पर कार्यवाही की जावे। उन्होंने कहा कि स्कूल बसों के संचालन की दिशा में सतत अभियान चलाया जाकर उनकी भी जांच की जावे। दूध में किसी भी प्रकार की मिलावट बर्दाश्त नहीं-कलेक्टर कलेक्टर श्री इलैया राजा टी ने बैठक में बताया कि भिण्ड जिले में उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले दूध में किसी भी प्रकार की मिलावट बर्दाश्त नहीं की जावेगी। इस दिशा में एसडीएम और संबंधित विभागीय अधिकारी अभियान चलाकर कार्यवाही सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने कहा कि नकली दूध बेचने वालों पर प्रकरण बनाए जावे। साथ ही नकली दूध से मानव शरीर को हानि होती है। साथ ही शरीर बीमारी से ग्रस्त होकर कई नुकसान होते है। इस नकली दूध में यूरिया और केमीकल के उपयोग से विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियां मनुष्य को लग जाती है। इसलिए राजस्व और विभागीय अधिकारी दूध में मिलावट करने वालों पर वैधानिक कार्यवाही करें।