रायसेन : अवर्षा से उपजे हालात और कृषि सहित अन्य विषयों पर किसानों से चर्चा करने के लिए गृह मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने सांची विकासखण्ड के ग्राम ऐरन, बांसबाड़ा, सिलवाहा तथा आमाखेड़ा सहित कई गांवों का भ्रमण किया। उन्होंने इन गांवों में चौपाल लगाकर किसानों से अवर्षा से हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली। किसानों के अलावा उन्होंने खेतीहर मजदूरों, बटाईदारों सहित अन्य ग्रामवासियों से उनकी समस्याओं से लेकर रोजगार संबंधी चर्चा की। चौपाल में प्रभारी मंत्री श्री गौर ने किसानों सहित समस्त ग्रामवासियों से कहा कि अवर्षा से उत्पन्न हुए हालात का सामना करने में प्रदेश सरकार किसानों के साथ है। किसान हमारे अन्नदाता हैं, उनके दुख दर्द में सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है। उन्होंने किसानों से खेती के संबंध में व्यक्तिगत बातचीत करते हुए कहा कि मौसम की अनिश्चितता को दृष्टिगत रखते हुए कृषि के साथ-साथ कृषि आधारित लघु एवं कुटीर उद्योग अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे व्यवसाय ऐसे समय में आर्थिक रूप से बड़े मददगार साबित होते हैं। चौपाल में अधिकतर किसानों ने अवर्षा के कारण मुख्य रूप से सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचने की जानकारी दी। चौपाल में गृह मंत्री ने किसानों को आगामी फसल के लिए आवश्यकतानुसार खाद, बीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही कुछ ग्रामवासियों द्वारा बिजली, पानी, सड़क, रोजगार संबंधी समस्याओं के संबंध में अवगत कराए जाने पर प्रभारी मंत्री ने समस्याओं के निराकरण के लिए मौके पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने किसानों और अधिकारियों से सिंचाई संसाधनों के बारे में भी जानकारी ली। रोजगार से जुड़ी समस्याओं के संबंध में कलेक्टर श्री जेके जैन ने प्रभारी मंत्री को अवगत कराया कि मनरेगा के अंतर्गत निरंतर कार्य चल रहा है। श्री जैन ने जिले में अवर्षा से फसलों को हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने आगामी सीजन में खाद, बीज की उपलब्धता सहित अन्य तैयारियों से गृह मंत्री को अवगत कराया। भ्रमण के दौरान एसपी श्री दीपक वर्मा तथा एसडीएम श्री बूटासिंह इवने भी साथ थे। गृह मंत्री श्री गौर ने ग्राम ऐरन में श्री महेश कुमार, निरपत सिंह, मुकेश प्रजापति, रामसिंह यादव, राजेश, फूलचंद, करोड़ीलाल, कमलसिंह, दीनदयाल तथा ग्राम सिलवाहा में महबूब खान, गुलाब सिंह, दानिश खान, सुलेमान खान, सरदार सिंह, सविता अहिरवार एवं ग्राम बांसखेड़ा में सईद मुहम्मद, मुहम्मद इरशाद, सफकत सहित अनेक किसानों से चर्चा की। छोटे व्यवसाय से मिली बड़ी मदद ग्राम ऐरन निवासी श्री मुकेश प्रजापति ने प्रभारी मंत्री को बताया कि उसने 6 एकड़ में सोयाबीन की फसल लगाई थी लेकिन लागत भी नहीं निकल पाई। साथ ही उसने प्रभारी मंत्री श्री गौर को यह भी बताया कि वह सांची में कपड़े की दुकान लगाता है। जिससे उसे अतिरिक्त आमदानी हो जाती है। सूखे से फसल नष्ट होने के कारण उत्पन्न हुए आर्थिक संकट का सामना करने में उसका यह रोजगार बड़ा मददगार साबित हो रहा है। गृह मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने मुकेश प्रजापति का उदाहरण देते हुए अन्य किसानों से अपील की कि वे खेती के साथ-साथ अन्य छोटे व्यवसाय जैसे बकरी पालन, डेयरी, पशुपालन तथा अन्य छोटे-छोटे व्यवसाय अपनाएं। ताकि मौसम के कारण फसलों को नुकसान हो तब यह व्यवसाय बड़े मददगार साबित होंगे। गृह मंत्री ने देखी धान की फसल अवर्षा के कारण नष्ट हुई फसलों की जानकारी लेने के साथ ही गृह मंत्री ने क्षेत्र में धान की फसल की भी जानकारी ली। ग्राम ऐरन में चौपाल के बाद किसान दीनदयाल के खेत में जाकर उन्होंने धान की फसल देखी। किसान दीनदयाल से उन्होंने धान की फसल में लगने वाली लागत और आने वाली संभावित उपज के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने किसान से आगामी फसल के लिए खाद बीज की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी ली। ग्रामवासियों को देख मंत्री ने गाड़ी रूकवाई ग्राम ऐरन की चौपाल समाप्त होने के बाद वहां से लौटते समय रास्ते में कुछ ग्रामवासियों के दिखाई देने पर गृहमंत्री श्री बाबूलाल गौर ने गाड़ी रूकवा ली और उनसे गांव की स्थिति और अवर्षा से फसलों को हुई क्षति के बारे में जानकारी ली। गृह मंत्री ने किसानों से सरकार की ओर से हर संभव मदद करने की बात कही। उन्होंने उपस्थित किसानों को कृषि आधारित व्यवसाय अपनाने की भी सलाह दी। पेयजल संबंधी निर्देश उन्होंने ग्राम सिलवाहा में लगी चौपाल में अवर्षा को दृष्टिगत रखते हुए जिन ग्रामों में पेयजल संबंधी दिक्कतें आ सकती हैं। उन सभी संभावित गांवों में हैण्डपम्प लगाने के साथ ही पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके अलावा ग्रामवासियों द्वारा नल-जल योजना लगाने की मांग करने पर गृह मंत्री श्री गौर ने कहा कि वे पंचायत से नल-जल योजना को चलाने का संकल्प पारित करा दें तो वे नल-जल योजना शुरू करा देंगे। चूंकि इस योजना के अंतर्गत संधारण पंचायत द्वारा ही किया जाता है। कई योजनाएं पंचायतों की अरूचि के कारण बंद पड़ी हैं।