दिल्ली( ईन्यूज़ एमपी ) - सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने केंद्र सरकार से वरिष्ठ वकील इंदू मल्होत्रा और उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है। इंदू मल्होत्रा पहली महिला वकील हैं जिन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने की सिफारिश की गई है। इंदू मल्होत्रा को 2007 में वरिष्ठ वकील का दर्जा दिया गया था। वह सुप्रीम कोर्ट में अभी तक नियुक्त हुईं सातवीं महिला जज होंगी। अभी फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में आर. भानुमति अकेली महिला जज हैं। स्वतंत्रता के बाद से अभी तक सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ छह महिला जज हुई हैं। जस्टिस केएम जोसेफ फिलहाल उत्तराखंड हाई कोर्ट के जज हैं। वह उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का आदेश रद करने वाली पीठ में शामिल थे। उसके बाद उनके स्थानांतरण की चर्चाएं रहीं, लेकिन उत्तराखंड से उनका स्थानांतरण नहीं हुआ। कोलेजियम ने इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट के अतिरिक्त जज जस्टिस शिव कुमार सिंह को स्थायी करने की सिफारिश की है। हालांकि, कोलेजियम के समक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के कुल 11 अतिरिक्त जजों को स्थायी करने का प्रस्ताव था, लेकिन शिव कुमार सिंह का कार्यकाल समाप्त हो रहा था इसलिए फिलहाल उनके बारे में सिफारिश की गई है। बाकी प्रस्तावों पर कोलेजियम बाद में विचार करेगा। सुप्रीम कोर्ट में महिला जज..... सुप्रीम कोर्ट 1950 में बना उसके 39 साल बाद 1989 में एम. फातिमा बीवी सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज नियुक्त हुई थीं। फातिमा बीवी केरल हाई कोर्ट से सेवानिवृत्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त हुई थीं। वह 29 अप्रैल, 1992 को सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुईं। बाद में वह तमिलनाडु की राज्यपाल भी नियुक्त हुईं। सुप्रीम कोर्ट में दूसरी महिला जज सुजाता वी. मनोहर हुईं जिन्होंने जज के रूप में अपने करियर की शुरुआत बाम्बे हाई कोर्ट जज से की थी। वह सुप्रीम कोर्ट में 8 नवंबर, 1994 से 27 अगस्त, 1999 तक न्यायाधीश रहीं। जस्टिस सुजाता के सेवानिवृत्त होने के करीब पांच महीने बाद जस्टिस रूमा पाल सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं। जस्टिस पाल सबसे लंबे समय तक रहीं। वह 28 जनवरी, 2000 से लेकर 2 जून, 2006 तक सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश रहीं। उनके बाद चार साल तक सुप्रीम कोर्ट में कोई महिला जज नहीं रहीं। 30 अप्रैल 2010 को झारखंड हाई कोर्ट की तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश नियुक्त हुईं। वह 27 अप्रैल, 2014 को सेवानिवृत्त हुईं। इसी दौरान जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं। जस्टिस देसाई 13 सितंबर, 2011 से लेकर 29 अक्टूबर, 2014 तक सुप्रीम कोर्ट जज रहीं। इस दौरान पहली बार सुप्रीम कोर्ट में एक साथ दो महिला जज रहीं। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की सेवानिवृत्ति के करीब दो महीने पहले 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट की वर्तमान महिला जज आर. भानुमति सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त हुईं। जस्टिस भानुमति 19 जुलाई, 2020 को सेवानिवृत्त होंगी। सुप्रीम कोर्ट के 67 साल के इतिहास में सिर्फ दो बार एक साथ दो महिला जज रहीं।