झाबुआ ( ईन्यूज़ एमपी ) - ऐसे शासकीय अधिकारी कर्मचारी जो अपने माता-पिता का परित्याग कर उपेक्षा करते है, उनके मासिक वेतन से 10 प्रतिशत तक की राशि प्रतिमाह (अधिकतम 10 हजार रूपये तक) काटी जाकर उनके माता-पिता को भरण-पोषण हेतु देने का प्रावधान माता-पिता और वरिष्ठ नागरिको का भरण-पोषण कल्याण अधिनियम 2007 में किया गया है। इसके लिए 2009 में संशोधन किया गया था। उक्त संशोधन 2009 में वरिष्ठ नागरिको की उपेक्षा अथवा परित्याग को संज्ञेय अपराध मानते हुए वरिष्ठजनों के जीवन स्तर में सुधार के साथ साथ उनको आर्थिक सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान करने हेतु किया गया है। इस संबंध में मध्यप्रदेश सरकार के अधीन कार्यरत कोई भी शासकीय अधिकारी अथवा कर्मचारी जो नियमित वेतन या संविदा पर नियुक्त किया गया है, वह अर्द्ध शासकीय उपक्रम, निगम, बोर्ड, स्थानीय, निकाय-नगर निगम, नगरपालिका, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत, राज्य शासन से अनुदान प्राप्त संस्थाओं का कर्मचारी हो तथा केन्द्रीय सरकार के अधिकारी कर्मचारी जो राज्य शासन के पद से वेतन प्राप्त कर रहे है, सभी इस संशोधन के अधीन आयेगे।