मुरैना ईन्यूज एमपी)- राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य के जलीय जीवों के संवर्धन और संरक्षण की ओर साल 2018 के फरवरी माह में देश के तीन बड़े राज्य मिलकर एक नई पहल करने जा रहे हैं। अभयारण्य में पल रहे जलीय जीवों की गिनती का काम इस बार यूपी, एमपी और राजस्थान मिलकर करेंगे। अभी तक एक ही अभयारण्य होने के बावजूद जीवों के संरक्षण के लिए तीनों राज्य अलग-अलग सर्वे करते थे और इनके संरक्षण के लिए अलग-अलग प्रबंध योजनाएं तैयार होती थीं। इस साल सब कुछ मिलजुलकर होगा। राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विश्व भर से गायब हो चुके घड़ियालों की 80% आबादी को पाल रहा है। मप्र की सभी नदियों से लुप्त हो चुकी रिवर डॉल्फिन का सबसे बड़ा शेष बचा रहवास है। इनके संरक्षण में इस साल कुछ नया होगा। 3 राज्यों में बंटे 435 किमी लंबे अभयारण्य की सुरक्षा व जलीय जीवों का खयाल रखने के लिए तीनों राज्यों के वन व पर्यावरण मंत्रालयों के अधीन कार्यरत वन विभाग ने हाथ मिलाया है। इससे उम्मीद जगी है कि तीनों ही राज्य संयुक्त रूप से जलीय जीवों का ख्याल रखेंगे। सुरक्षा और संवर्धन एक साथ कैस अब तक तीनों ही राज्यों के वन अमले अपनी-अपनी सीमा में अभयारण्य की सुरक्षा करते थे। लेकिन केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मध्यस्थता के बाद अभयारण्य में संयुक्त पेट्रोलिंग को हरी झंडी मिली है। जिस राज्य को जहां आवश्यकता होगी वहां तीनों ही राज्यों का वन बल एक साथ कार्रवाई करेगा। इसी तरह संवर्धन के मामले में भी तीनों राज्य एक साथ काम करेंगे। एक नजर चंबल में कुल घड़ियाल 1255 कुल डॉल्फिन 75 लुप्त प्रजातियों के कछुए 9