रतलाम (ई न्यूज एमपी)-नयागांव-लेबड़ फोरलेन पर बिलपांक थाना क्षेत्र स्थित चिकलिया टोलनाके पर बुधवार शाम करीब चार बजे एक कर्मचारी को काम से निकालने की बात पर हंगामे की स्थिति बन गई। टोलनाके के अन्य कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया। इस कारण करीब एक घंटे तक टोल फ्री चलता रहा। वहीं कुछ नेता भी कर्मचारी के पक्ष में पहुंचे। बाद में पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। उल्लेखनीय है कि कर्मचारी सुजीतसिंह सोनगरा को टोल प्रबंधक द्वारा शोकाज नोटिस दिया गया था। इससे नाराज होकर उसने मंगलवार को अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर मैनेजर गोविंद कुशवाह से विवाद कर झूमाझटकी की थी। इस मामले में मैनेजर कुशवाह ने बिलपांक थाने पर मारपीट व धमकाने की रिपोर्ट की थी। पुलिस ने आरोपी सुजीत, उसके भाई भानूप्रताप व साथी मिंटू बना के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इधर बुधवार को सुजीत को काम पर नहीं आने का कहा। इस पर उसके समर्थन में भाजुयमो जिलाध्यक्ष सोनू यादव व अन्य नेता व आसपास के कुछ ग्रामीण भी पहुंचे और चर्चा की। कुछ लोगों ने मैनेजर से कहा कि आसपास के दस किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के वाहन फ्री किए जाएं। मैनेजर ने कहा कि उनके पास एसा कोई आदेश नहीं है। यदि प्रशासन से आदेश मिलता है तो वे उसका पालन करेगें। एमपीआरडीसी से अनुबंध में टोल वसूली को लेकर ऐसी कोई शर्त नहीं है। उधर शाम करीब चार बजे कर्मचारियों को ड्यूटी चेंज होने पर प्रबंधन ने कर्मचारी सुजीत को कल से काम पर नहीं आने के लिए कहा। इससे अन्य कर्मचारी भी नाराज हो गए और ड्यूटी पर नहीं चढ़े। इससे टोलनाके का काम ठप हो गया और वाहन बगैर रसीद कटाए निकलने लगे। हंगामे की सूचना मिलने पर एएसपी डॉ.राजेश सहाय, एसडीओपी संजीव मूूले, ग्रामीण एसडीएम नेहा भारतीय व अन्य अधिकारी पहुंचे और कर्मचारियों से चर्चा की। इसके बाद कर्मचारी काम पर लौटे और टोल शुरू हुआ। कर्मचारियों का कराया जाएगा वेरिफिकेशन चर्चा के दौरान पुलिस अधिकारियों ने टोल नाके पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों का वेरिफिकेशन (सत्यापन) कराने के लिए प्रबंधक से कहा। मैनेजर कुशवार ने बताया कि उनके टोल पर करीब 120 कर्मचारी काम करते हैं। तीन साल पहले उनका वेरिफिकेशन कराया गया था। अब शीघ्र ही सभी का वेरिफिकेशन कराकर उनसे चरित्र प्रमाण-पत्र लिया जाएगा। संजीव को कल से काम पर नहीं आने के कहने पर अन्य कर्मचारी उसके समर्थन में काम पर नहीं आए। इससे एक घंटे तक टोल फ्री रहा। बाद में सभी कर्मचारियों को समझाइश दी गई, तब वे काम पर लौटे। एसडीओपी मूले ने बताया कि कर्मचारियों का आपस में विवाद था। वे जब पहुंचे, तब तक उनके बीच समझौता हो चुका था। मंथली पास पर 50 फीसदी छूट मैनेजर कुशवाह ने बताया कि टोलनाके से गुजरने वाले जिले के उन वाहन चालकों व मालिकों को पचास प्रतिशत छूट देने का प्रावधान है जो दूसरा टोलनाका पार नहीं करते हैं और 24 घंटे के भीतर वापस लौटते हैं। पास उन्हीं का बनाया जाता है जो मंथली शुल्क जमा कराते हैं। वर्तमान में 260 वाहनों के पास बने हुए हैं।