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बिल्डर्स को रेरा में पंजीयन कराना अनिवार्य....

भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- रियल स्टेट सेक्टर में व्याप्त असंतुलन को दूर कर इसे व्यवस्थित करने तथा उपभोक्ताओं के हितों की दृष्टि से इसे और पारदर्शी, व जिम्मेदार बनाने हेतु,1 मई 2016 से प्रदेश सहित देश में रेरा-एक्ट प्रभावी हो चूका हैं। इसके अनुसार, सभी प्रचलित और नयी आवासीय कॉलोनी, प्रोजेक्ट का रेरा में पंजीयन कराना, बिल्डर्स को अनिवार्य हो गया हैं. रेरा में पंजीयन नहीं करने वाले कॉलोनी, प्रोजेक्ट अवैध प्रोजेक्ट की श्रेणी में आएंगे।

यदि कोई प्रचलित आवासीय-कॉलोनी/प्रोजेक्ट, जिसमे अभी विकास कार्य पूरे ना हुए हों, आम-जन की जानकारी में आवे जो रेरा में पंजीकृत ना हो, तब ऐसे प्रोजेक्ट्स/कॉलोनी की जानकारी रेरा-प्राधिकरण को भोपाल स्थित पते पर(रेरा-भवन, बोर्ड-ऑफिस कैंपस, मेन रोड नंबर 1, भोपाल-462011) तथा secretaryrera@mp.gov.in पर प्रेषित किये जाने का अनुरोध हैं।

रेरा-एक्ट के लागू होने के बाद किसी भी आवासीय कॉलोनी, प्रोजेक्ट की तब तक मार्केटिंग और बुकिंग नही की जा सकती जब तक कि उसका रेरा में पंजीयन ना हो जावे। रेरा एक्ट के अंतर्गत आवंटियों के साथ जो भी अनुबंध ठेकेदार, बिल्डर्स/प्रमोटर्स करेंगे, उसका पालन उन्हें करना होगा। साथ ही अपने निर्माण कार्य की 05 वर्ष की गारंटी भी लेनी होगी। उन्हें समय पर आवंटितों को डिलीवरी देनी होगी। विज्ञापन ओर ब्रोशर में जो-जो दावे किये जाऐंगे, उनकी पूर्ति बिल्डर्स को करनी होगी। प्रावधान का पालन नहीं करने पर आवंटी उनसे ब्याज सहित भुगतान तथा मुआवजा प्राप्त कर सकेगें।

उल्लेखनिय है कि रेरा- प्राधिकरण में विभिन्न जिलो से बिल्डर्स/संप्रवर्तक के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों की त्वरित सुनवाई की जाकर उनका निराकरण किया जाता हैं। कोई भी आवंटी, घर बठे, रेरा-प्राधिकरण की वेबसाइट, www.rera.mp.gov. पर जाकर, अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

पहलः रेरा-प्राधिकरण के चेयरमैन अंटोनी दिसा अवं उनके सहयोगी नायक, कपाले द्वारा प्रति दिन भोपाल में सुनवाई के साथ-साथ प्रति सप्ताह ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर में सर्किट कैंप का आयोजन भी किया जा रहा हैं ताकि पक्षकारो को आसानी से न्याय मिल सके।

सावधानीः यदि आप प्लाट या मकान खरीदने जाए तो बिल्डर का रेरा-नंबर जरुर देखे। बिना रेरा नंबर वाले प्रोजेक्ट/कॉलोनी अवैध होने से, उनमे आवंटी/ग्राहक के अधिकार सुरक्षित नहीं हैं।

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