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भोपाल में घूम रहे बाघों की होगी गिनती,गणना के लिए बनाए सात जोन

भोपाल .भोपाल में कितने बाघ घूम रहे हैं ? इनमें कितने वयस्क अौर कितने शावक हैं। क्षेत्र में बाघों के लिए कितना प्रेबेस (बाघ के लिए मौजूद खाना-शाकाहारी और मांसाहारी वन्य प्राणी) हैं। इसका बाकायदा रिकार्ड दर्ज होगा। दरअसल भोपाल के आसपास घूम रहे बाघों की गणना पहली बार उसी हिसाब से होगी जैसे प्रोटेक्टेड एरिया (पीए) में होती है। यह गणना 9 से 15 मार्च के बीच होगी। देश में पहला चरण 5 फरवरी से शुरू हो रहा है।
- टाइगर स्टेट का दर्जा छिनने के बाद मप्र सरकार अब बाघों की संख्या का सही आकलन करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। अभी तक प्रोटेक्टेड एरिया (पीए) के बाघ ही आंकड़ों में शामिल होते थे।

- शासन ने पहली बार प्लान में पीए के बाहर के वनक्षेत्रों को शामिल किया है। चूंकि भोपाल पीए के वनक्षेत्र में शामिल है। यही वजह है कि यहां घूम रहे बाघों की बाकायदा प्रत्यक्ष प्रमाणों के अलावा वैज्ञानिक मानकों के आधार पहली बार गणना की जाएगी।

पीए के बाहर निकल रहे थे

- वन विभाग द्वारा हर दो साल में गणना कराई जा रही है। इसमें एक तथ्य उभरकर आया है कि बाघ पीए से निकलकर दूसरे वन क्षेत्रों में अपनी टेरेटरीज बना रहे हैं। इसमें भोपाल, देवास, ग्वालियर के दतिया और सतना जैसे वनक्षेत्र शामिल हैं।

- तीसरे राउंड में की जाएगी भोपाल के बाघों की गणना वॉलेंटियर के रूप में शामिल हो सकते हैं भोपाल के वन्यप्राणी प्रेमी वन विभाग बाघों की गणना के लिए वन्यप्राणी प्रेमियों को वॉलेंटियर के रूप में शामिल करेगा।

- इसके लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। चयनित वॉलंटियरों को एक या दो दिन का प्रशिक्षण देकर फील्ड में भेजा जाएगा। जनवरी के पहले सप्ताह में आवेदन करने वॉलेंटियर टाइगर फाउंडेशन सोसायटी के फेसबुक पेज पर या वन विभाग की वेबसाइट www.mpforest.gov.in पर लॉगिन कर सकते हैं।

21 राज्य होंगे शामिल
- देश में 5 फरवरी से शुरू होने वाली बाघों की गणना में 3 नए राज्य मिजोरम, गोवा व नागालैंड को जोड़ा गया है। अब तक 18 राज्य शामिल होते थे। देश में 30 हजार बीटों पर 5 हजार ट्रेप कैमरों अौर दूसरे उपकरणों की मदद से यह गणना की जाएगी। गणना में शामिल बीटों में 9 हजार बीट मप्र की हैं।

सात दिन होगी गिनती, शुरू के तीन दिन देखेंगे अप्रत्यक्ष चिह्न

- बाघों की सात दिन गिनती होगी। इसमें से शुरू के तीन दिन मांसाहारी वन्यप्राणियों के अप्रत्यक्ष चिह्न देखे जाएंगे। इस तरह की गिनती प्रति बीट, प्रतिदिन 5 किमी में होगी। दूसरे तीन दिन दो किमी की ट्रांजिक लाइन डाली जाएगी। ये सीधी होगी। इस लाइन पर चलते हुए कर्मचारी दाएं और बाएं दिखने वाले जानवरों का डाटा तैयार करेंगे।

- बाघों की गिनती का प्लान बनाया गया है। प्रदेश में बाघों की गणना 5 फरवरी से शुरू होगी। इसमें भोपाल वन मंडल को भी शामिल किया है। यहां बाघों की गितनी तीसरे राउंड में होगी, जो 9 मार्च को शुरू होकर से 15 मार्च को खत्म होगी। इसमें भोपाल में घूम रहे बाघों की गणना पहली बार वैसे ही की जाएगी जैसे प्रोटेक्टेड एरिया में होती है।'

- रजनीश सिंह, एसडीओ, वाइल्ड लाइफ मुख्यालय

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