सागर (ई न्यूज एमपी)- संभाग के कुछ नगरीय क्षेत्रों में गैर लायसेंसधारी व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से खुले में मांस की ब्रिकी होने के संबंध में मिल रही शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए सागर कमिश्नर आशुतोष अवस्थी ने सभी जिला कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश दिये हैं। इस संबंध में जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों में कमिश्नर श्री अवस्थी ने संभाग के सभी कलेक्टर्स से कहा कि वे अपने-अपने जिले की सीमा में आने वाले सभी नगरों में अवैध रूप से खुले में मांस की ब्रिकी पर सख्ती से अंकुश लगायें। सभी नगरीय निकायों के सीएमओ को निर्देशित करें कि वे म.प्र. नगर पालिका 1961 की धारा 259 के अंतर्गत अपने-अपने निकाय क्षेत्र/नगर की सीमा के अंदर या नगर की बाहरी सीमा से लगे हुए क्षेत्रों में खुले में मांस की ब्रिकी न होने दें। कमिश्नर श्री अवस्थी ने कहा कि प्रत्येक सीएमओ अपने-अपने नगरीय निकाय की सीमा के अंदर मांस/मछली विक्रय हेतु ऐसा स्थान तय करें जहां किसी धर्म विशेष के श्रृद्धालुओं का अधिकाधिक संख्या में आवागमन न हो। हर निकाय सरकार के अनुमोदन से अपनी निकाय सीमा से अंदर या बाहर ऐसे स्थान तय करेगी, जहां जीव-जन्तुओं का वध विक्रय के लिये किया जायेगा। यदि वह स्थान परिसद का है, तो उन्हें उपयोग के लिये निकाय किराया या फीस वसूल कर सकेगी। म.प्र. नगर पालिका 1961 की धारा 260 के अंतर्गत प्रत्येक सीएमओ अपने-अपने नगरीय निकाय में ऐसा कारोबार करने वाले व्यक्तियों को लायसेंस जारी करें। इस धारा का उल्लंघन करने वालों या चूककर्ताओं के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करें। इसी प्रकार म.प्र. नगर पालिका 1961 की धारा 261, 262, 264, 265 एवं 266 के अंतर्गत प्रत्येक नगरीय निकाय अपने क्षेत्र/नगर की सीमा के अन्दर या नगर की बाहरी सीमा से लगे हुए क्षेत्रों में ऐसे वधगृहों का निर्माण करेगी, जिसमें जानवरों के वध से पूर्व स्थानीय पशु चिकित्सक का निरीक्षण सुनिश्चित हो। जानवरों के वध उपरांत ठोस अपशिष्ट के निपटान की समुचित व्यवस्था हो। पशु चिकित्सक द्वारा उपयुक्त पाए गए जानवरों के मांस के विक्रय का ही लायसेंस दिया जाये। विक्रय के लिए ऐसा स्थान तय किया जाये, जो भू-तल से कम से कम दो फीट ऊंचा हो और विक्रय हेतु रखे गए मांस के आगे एक फुट ऊंची कोई भी ऐसी आड़/पर्दा लगाया जाये, जिससे राहगीरों को सीधे तौर पर मांस दिखाई न दे। नगरीय निकाय/परिषद द्वारा नियत किये गये स्थान के अलावा अन्य किसी भी स्थान पर कोई भी व्यक्ति मांस विक्रय हेतु जीव-जंतु का वध नहीं करेगा। नियत किये गये ऐसे स्थान के अलावा यदि कोई व्यक्ति या समूह नगर पालिका/परिषद की सीमाक्षेत्र के भीतर या अन्य किसी स्थान पर जीवजंतु का वध मांस विक्रय हेतु करेगा, उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी। जारी दिशा-निर्देशों में कमिश्नर श्री अवस्थी ने सभी कलेक्टर्स से यह भी कहा कि म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 267 के तहत बूचड़खाने की वृत्ति हेतु केवल लायसेंसधारी व्यक्ति ही अधिकृत/पात्र रहेंगे। इसके अलावा प्रतिदिन बूचड़ में वध किए गए जानवरों का जीन्सवार एवं आयुवार ब्यौरा पंजी में अंकित किया जायेगा। परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी/स्वास्थ्य अधिकारी/स्वच्छता निरीक्षक/स्वच्छता पर्यवेक्षण/परिषद द्वारा अधिकृत कोई प्राधिकारी पंजियों का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रतिमाह संभागीय संयुक्त संचालकों को भेजेगा। इसी प्रकार म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 268 के अंतर्गत खाद्य पदार्थो के विक्रय हेतु नगरीय निकाय/परिषद द्वारा लायसेंस जारी कराया जाये, इस धारा का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति या समूह पर नगरीय निकाय/परिषद कानूनी कार्यवाही करेगी।