(ईन्यूज़ एमपी )ग्वालियर. किशोर न्याय अधिनियम के तहत पंजीयन कराए बगैर 18 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की देख-रेख व संरक्षण के लिये संस्थायें संचालित करना दण्डनीय अपराध है। जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री शालीन शर्मा ने बताया कि बगैर पंजीकृत संस्था व संबंधित व्यक्ति के खिलाफ किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम की धाराओं के तहत एक वर्ष का कारावास या एक लाख रूपए के जुर्माने से दण्डित किए जाने का प्रावधान है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी कलेक्ट्रेट स्थित जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।