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मिशन 18 से पहले 2.5 लाख संविदा कर्मचारियों का मुद्दा गर्माया, क्या, सरकार चुनाव से पहले करेगी नियमित?...

भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- प्रदेश में नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा कर्मचारी लगातार सरकार के खिलाफ आन्दोलन,धरना- प्रदर्शन करते रहते हैं| मध्यप्रदेश में बिभिन्न बिभागों में लगभग 2.5 लाख संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें शिक्षा, पंचायत एवं स्वास्थ्य सहित तमाम बिभाग के संविदा कर्मचारी लगातार आन्दोलन करते रहे हैं |
इनकी लगातार मांग रही हैं की जब संरपचों के द्वारा नियुक्त गुरूजियों, पंचायत कर्मियों, शिक्षाकर्मियों जिनकी नियुक्ति बिना किसी चयन प्रक्रिया से हुई थी, ऐसे कर्मचारियों को सरकार ने सीधे नियमित कर दिया तो संविदा कर्मचारी जो विधिवत् परीक्षा के माध्यम् से नियुक्त होकर आए हैं उनको नियमित क्यों नहीं कर रही है। इनका कहना हैं की सरकार संविदा कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है|

राजनीतिक सरगर्मी भी हुयी तेज:-
संविदा कर्मचारियों का मामला राजनैतिक पार्टियों के लिए बड़ा मुद्दा रहा है, बोटबैंक की राजनीति में कोई भी पार्टी इनको नाराज नहीं होने देना चाहती हैं| चूंकि चुनाव नजदीक हैं इसी के मद्देनजर संविदा कर्मचारियों के मुद्दे पर राजनैतिक उठापटक तेज हो गयी है, सभी चुनावी पार्टियाँ इन कर्मचारियों को अपने पक्ष में करने के लिए बड़े-बड़े बादे कर रही हैं|

ऐसा ही एक नजारा पिछले दिनों देखने को मिला जब संविदा कर्मचारी-अधिकारी राजधानी भोपाल के अम्बेडकर मैदान में धरना दे रहे थे तो अचानक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल वहां कूद पड़े और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग का समर्थन किया| उन्होंने प्रदेश की बीजेपी सरकार को चेतावनी देते हुये कहा की एक साल का समय है संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दो, नहीं तो हम कर देंगें| केजरीवाल ने कहा हमारी दिल्ली सरकार ने संविदा कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन दिया है साथ ही नियमित करने के लिए कार्यवाही की है । उन्होंने प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को आश्वासन देते हुए कहा की हमारी सरकार आते ही हम 6 महीने में नियमित कर देंगें । नियमित करने के लिए बजट की कमी नहीं है बल्कि नियत की कमी है।

अरविन्द केजरीवाल द्वारा संविदा कर्मचारियों को समर्थन देकर नियमित करने के वादे को देखते हुए कांग्रेस भी कहाँ पीछे रहने वाली थी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने का समर्थन करते हुए ट्वीट कर सरकार से पूंछा की जब विभागों में लाखों नियमित पद रिक्त हैं तो सरकार उन पर संविदा कर्मचारियों नियमित क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से भी सरकार को चेताया की अगर सरकार इन संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय नहीं लेगी तो हमारी आगामी कांग्रेस की सरकार संविदा कर्मचारियों को नियमित करेगी|

चुनाव से पहले ही संविदा कर्मचारियों की मांगों का समर्थन बिभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा करने से साफ़ जाहिर हो जाता है की इस चुनाव में संविदा कर्मचारियों का मुद्दा जोर पकड़ेगा| फ़िलहाल इस मामले में प्रदेश की बीजेपी सरकार का क्या स्टैंड होता है ये देखने बाली बात होगी| अभी तो फ़िलहाल इस मुद्दे में बीजेपी सरकार घिरती ही नजर आ रही है| प्रदेश के संविदा कर्मचारी भी इस मुद्दे में सरकार से नाराज चल रहे हैं, अगर इनके मामले को सरकार गंभीरता से नहीं लेती है तो इसका सीधा फायदा बिपक्षी पार्टियों को हो सकता है|

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