मुरैना(ईन्यूज़ एमपी)- प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह ने कहा कि राज्य शासन ने 16 अक्टूबर से भावांतर भुगतान योजना प्रारंभ की है, इसमें किसान को फसल विक्रय में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। उन्होने कहा कि भावान्तर भुगतान योजना में बजरा फसल को शामिल नहीं है, इसमें तिल, उडद, मूंग, सोयावीन, अरहर आदि फसलें शामिल है। इस संबंध मैने अभी नागरिक आपूर्ति निगम के एम डी से बात की है। उन्होने कहा है कि जो बजरा मुरैना जिले में पैदा हुआ है वही साफ-सुथरा बाजरे का विक्रय हो, इसके लिए कलेक्टर अधिक्रति रहेगे। मंत्री माया सिंह ने कहा कि कलेक्टर आवश्यक जानकारी तैयार करावें और किसान का बाजरा उचित दाम में विके। यह बात उन्होंने आज क्रषि उपज मण्डी प्रांगण मुरैना में बजरा, तिल आदि फसलों के विक्रय के दौरान निरीक्षण में कही। मंत्री ने कहाकि म.प्र. सरकार की मंशा है कि किसान अपनी फसल तत्काल वेचने में उसे उचित दाम नहीं मिलता है तो वह किसान उसे लायसेंसी गोडाउन में चार महीने फसल को भण्डारण कर सकता है। किसान के भण्डारण का अनुदान है उसे भी उपलब्ध कराया जावेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों एवं हम सभी को भावान्तर योजना में लगाया है। इसके पूर्व मंत्री द्वारा सर्किट हाउस पर योजना के संबंध में आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दिये।