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भावांतर भुगतान योजना: मण्डी प्रांगण के बाहर घोष क्रय-विक्रय कराने के लिए कलेक्टर अधिकृत

भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- राज्य शासन ने भावांतर भुगतान योजना में मण्डी प्रांगण के बाहर घोष क्रय-विक्रय कराने के लिए जिला कलेक्टर को अधिकृत किया है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार ऐसे स्थान, जो कृषि उपज मण्डी/उप मण्डी के लिए अधिसूचित प्रांगण नहीं हैं वहाँ पर संबंधित जिला कलेक्टर योजना की जिला-स्तरीय समिति से सत्यापन कराने के उपरांत विशेष प्रांगण घोषित कर सकेंगे। व्यापक कृषक हित में कृषक उपज मण्डी के प्रांगण के रूप में उपयोग करने की आवश्यकता वाले स्थानों को ही विशेष प्रांगण घोषित किया जा सकेगा।

विशेष मण्डी प्रांगण घोषित करने के लिए आवश्यक होगा कि प्रांगण में न्यूनतम 5 क्रियाशील व्यापारी हों, जिनके नाम पर लायसेंस क्रमांक हो। साथ ही प्रांगण में न्यूनतम एक मण्डी निरीक्षक, चार सहायक उप निरीक्षक कार्यरत हो तथा प्रांगण में पारदर्शी घोष विक्रय, डिजिटल तौल एवं भुगतान की उचित व्यवस्था हो। यह स्पष्ट किया जाएगा कि प्रांगण में अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा कृषक की क्रय की गई उपज की निकासी के पूर्व मण्डी शुल्क तथा कृषकों के भुगतान संबंधी प्राप्ति का सत्यापन किया जा रहा है और कृषकों के भुगतान पर किसी भी प्रकार की कटौती जैसे तुलाई/हम्माली एवं अन्य कमीशन आदि नहीं की जा रही है।

ऐसे विशेष प्रांगणों को उसकी संबंधित मूल मण्डी/उप मण्डी के अधिसूचित प्रांगण के अंतर्गत ही माना जाएगा। ऐसे विशेष प्रांगणों में होने वाली कृषि विपणन आवक, क्रय-विक्रय तथा मण्डी फीस से प्राप्त आय को बाहरी प्रांगण/साप्ताहिक हाट-बाजार के रूप में उल्लेख कर मूल मण्डी में दर्ज कर पोर्टल में गणना में लिया जाएगा। यह प्रांगण योजना की अवधि पूर्ण होने तक पूर्णत: अस्थाई प्रांगण के तौर पर मान्य रहेंगे।

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