अनूपपुर(ईन्यूज़ एमपी)- नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों को उनकी विभागीय योजनाओं के तहत कार्ययोजना तैयार कर लक्ष्य सौंपा गया था। सभी विभाग गुणवत्तापूर्ण तरीके से उन लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करें तथा नर्मदा नदी के तट पर बसे गांवों को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करें, जो दूसरे जिलों के लिए अनुकरणीय हो। माह नवम्बर एवं दिसम्बर में प्रदेश के मुख्यमंत्री विकास यात्रा के तहत प्रदेश के सभी जिलों का भ्रमण करेंगे। उसके पूर्व सभी विभाग अपने लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करें। आयुक्त शहडोल संभाग बी.एम. शर्मा शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार अनूपपुर में समीक्षा के दौरान इस आशय के निर्देश दिए। आयुक्त श्री शर्मा ने वन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, मत्स्य पालन विभाग, पशु पालन विभाग, उद्यानिकी विभाग, विद्युत मंडल, रेशम पालन विभाग, जल संसाधन विभाग तथा नगरीय कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। आयुक्त श्री शर्मा ने उद्यानिकी फसलों की गिरदावली करने तथा मृत पशुओं के विनष्टीकरण एवं गौमूत्र एवं गोबर का व्यावसायिक उपयोग करने के निर्देश दिए। कलेक्टर अजय शर्मा ने बताया कि जिले में समन्वित खेती के प्रयास प्रारंभ किए गए हैं। जिसमें कटक बलराम तालाब, मत्स्य पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, उद्यानिकी, कृषि एवं मधुमक्खी पालन को शामिल किया जाएगा। किसानों को ट्यूबवेल तथा सोलर पम्प वितरित किए जाएंगे। आपने बताया कि अमरकंटक में पॉलीथीन पर रोक लगाने तथा घाटों में साबुन, कपड़ा धोने के रोक हेतु विशेष अभियान चलाया जाएगा। आयुक्त श्री शर्मा ने वन विभाग की समीक्षा करते हुए गर्मियों में आग लगने की घटनाओं पर नियंत्रण, जल संरचनाओं का निर्माण तथा वृक्षारोपण के प्रगति की समीक्षा की। वनमंडलाधिकारी द्वारा बताया गया कि आग से बचाव की कार्ययोजना स्वीकृति हेतु भेजी गई है तथा वन क्षेत्र में 4 तालाब निर्माण प्रस्तावित किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जैव विविधता समितियां गठित की जा रही हैं। सीईओ जिला पंचायत श्री चौधरी ने बताया कि नर्मदा तट के ग्रामों में 60 प्रतिशत शौचालय निर्माण, घाट निर्माण, कपड़ा बदलने की व्यवस्था तथा हवन कुण्ड का निर्माण कर लिया गया है। उप संचालक कृषि ने बताया कि नर्मदा तट के ग्रामों में 11 जैविक कलस्टर बनाए गए हैं, जिनमें 550 किसान शामिल हैं। यहां नाडेप, गोबर गैंस, मेढ़ बंधान, चेक डेम आदि का कार्य किया जाएगा। सहायक संचालक मत्स्य ने बताया कि जिले में केज कल्चर की शुरुआत की जा रही है। इन क्षेत्रों में 4 समितियों तथा 8 समूहों का गठन कर प्रशिक्षण दिया गया है। उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग ने बताया कि 101 किसानों को 47 हेक्टेयर में नेपियर ग्रास रूट देकर, चारागाह विकास किया जा रहा है। ऐरा प्रथा रोकने हेतु जन जागरूकता तथा गौशालाओं की स्थापना की जा रही है। सहायक संचालक उद्यानिकी ने बताया कि 239 हेक्टे. में नाशपाती का रोपण किया गया है। 2935 किसानों से वचन पत्र भरवाए गए हैं। टमाटर प्रसंस्करण की इकाई प्रस्तावित है। कार्यपालन यंत्री विद्युत मंडल ने बताया कि जिन गांव, मजरा एवं टोलों में बिजली नहीं पहुंची है, वहां सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुंचाई जाएगी। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन सी.एम. शुक्ला ने बताया कि नर्मदा तट पर 5 माईनर जलाशय प्रस्तावित है, जिनमें 3 जलाशयों में कार्य प्रारंभ हो चुका है।