शहडोल(ईन्यूज़ एमपी)- कलेक्टर नरेश पाल ने जिले के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों को निर्देश दिये हैं कि वे राजस्व न्यायालयों में सभी पक्षकारों के साथ अच्छा व्यवहार करें और पक्षकारों के साथ राजस्व न्यायालयों में पारदर्शिता पूर्ण व्यवहार करें। कलेक्टर ने कहा है कि राजस्व न्यायालयों में सभी पक्षकारों के साथ न्याय होना चाहिए, किसी भी पक्षकार का शोषण नहीं होना चाहिए। कलेक्टर ने कहा है कि राजस्व न्यायालयों में पीठासीन अधिकारी शासन के पक्ष का भी विशेष ध्यान रखें। कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि राजस्व न्यायालयों के सभी प्रकरण आरसीएमएस में पंजीबद्ध होना चाहिए, सभी राजस्व अधिकारियों के राजस्व न्यायालयों में कोई भी प्रकरण अपंजीबद्ध नहीं रहना चाहिए। कलेक्टर ने कहा है कि राजस्व न्यायालयों के रीडर यह चाहते हैं कि उनके विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज न हो तो वे सभी राजस्व प्रकरणों को आरसीएमएस में दर्ज करायें। कलेक्टर नरेश पाल ने आज राजस्व अधिकारियों एवं रीडरों के लिये आयोजित कम्प्यूटर के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि सभी गांवों में बी-1 का वाचन लगातार होना चाहिए तथा किसानों के नामांतरण और सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण होना चाहिए। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि निर्देशों के बावजूद कई राजस्व न्यायालयों द्वारा नामांतरण पंजियां जमा नहीं कराई जा रही है, कलेक्टर ने निर्देश दिये कि 30 अक्टूबर 2017 तक नामांतरण पंजियां हर हाल में जमा हो जाना चाहिए। नामांतरण पंजियां जमा करने के लिये तहसीलदार निरंतर कार्यवाही करें। कलेक्टर ने जैतपुर तहसील में नामांतरण पंजियां लंबिन पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई तथा जैतपुर तहसीलदार को निर्देशित किया गया कि वे तत्काल नामांतरण पंजियां जमा करायें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिन गांवों में ज्यादा राजस्व प्रकरण लंबित है ऐसे गांवों को चिन्हित कर गांवों में विशेष राजस्व शिविरों का आयोजन करायें, इसके लिये किसानों को पूर्व से नोटिस जारी करें तथा राजस्व शिविरों में किसानों को आमंत्रित कर उनके राजस्व प्रकरणों का निराकरण सर्वोच्च प्राथमिकता से करायें। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिये हैं कि कई राजस्व न्यायालयों में या राजस्व अधिकारियों पास भू-अधिकार पत्रों का वितरण लंबित है, कलेक्टर ने निर्देश दिये कि सभी राजस्व अधिकारी पटवारियों के माध्यम से भू-अधिकार पत्रों और भू-अधिकार ऋण पुस्तिकाओं का वितरण सुनिश्चित करायें। सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी सुनिश्चित करायें, राजस्व निरीक्षकों के भरोसें न रहें। कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि भूमि के सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण क्रमवार होना चाहिए और एटीएस मशीन से होना चाहिए। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि राजस्व अधिकारी एटीएस मशीन से ज्यादा से ज्यादा सीमांकन करना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि डायवर्सन के प्रकरणों के निराकरण में तेजी आनी चाहिए, कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिये कि डायवर्सन के प्रकरणों में भू-भाटक जमा करने के बाद ही राजस्व अधिकारी आदेश जारी करें। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिये कि प्राकृतिक आपदा भूमि आवंटन के प्रकरण राजस्व अधिकारी सीधे रीडर टू कलेक्टर को भेजे ताकि प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही की जा सके। कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे पटवारी बस्तों की निरंतर जांच करें और राजस्व निरीक्षकों के कार्यालयों का भी निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रेषित करें।