कलेक्टर श्री नीरज दुबे ने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास तथा जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र को निर्देश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि आंगनवाड़ी केंद्रों एवं विद्यालयों में बच्चों को वितरित होने वाला भोजन पहले संबंधित कर्मचारी द्वारा चखने के बाद ही बच्चों को वितरित किया जाए। कलेक्टर ने यह निर्देश आज यहां विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक में दिए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री मनोज खत्री भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि आंगनवाड़ी केंद्रों में पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भोजन चखेंगी, तत्पश्चात बच्चों को भोजन वितरित किया जाएगा। इसी प्रकार विद्यालयों में पहले शिक्षक भोजन चखेंगे और उसके बाद बच्चों को भोजन दिया जाएगा। कलेक्टर ने भोजन की क्वालिटी पर विशेष ध्यान देने के इन अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को हिदायत दी कि वे सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं सुपरवाइजर मुख्यालय पर रहें। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व को निर्देश दिए कि वे राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों को मुख्यालय पर निवास करने की हिदायत दें। कलेक्टर ने साफ शब्दों में इन अधिकारियों से कहा कि वे मुख्यालय पर न रहने वाले अपने अधीनस्थ मैदानी अमले का वेतन काटें और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। कलेक्टर ने मलेरिया, डेंगू एवं स्वाईन फ्लू की रोकथाम के लिए कड़े उपाय सुनिश्चित करने के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए। कलेक्टर ने तहसील कार्यालयों एवं जनपद पंचायत कार्यालयों में हर मंगलवार को नियमितरूप से जनसुनवाई कर आवेदन पत्रों का निपटारा करने के तहसीलदारों एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारियों जनपद को निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनसुनवाई कार्यक्रम को गंभीरता से लें और नियमितरूप से अपने कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई कर आवेदनों का निपटारा करें। उन्होंने सरोकार योजना के तहत कुपोषित बच्चों को गोद लिए जाने का कार्य गंभीरता से करने के जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य तत्परता से पूरा किया जाए।