पन्ना : सर्किट हाउस पन्ना में आयोजित बैठक में सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले मंत्री पीएचई, पशुपालन, उद्यानिकी, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी कार्य ने बुन्देलखण्ड में पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने सागर संभाग के सभी जिलों विशेषकर पन्ना में हैण्डपम्पों के संधारण तथा बन्द नलजल योजनाओं को चालू कराने के संबंध में निर्देश दिए। बैठक में नगरपालिका अध्यक्ष पन्ना श्री मोहनलाल कुशवाहा, प्रमुख अभियंता पीएचई जी.एस. डामोर, अधीक्षण यंत्री आर.एस. ठाकुर, सागर संभाग के सभी जिलों के पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री, एसडीओ तथा उपयंत्री उपस्थित रहे। मंत्री जी ने विभागीय कार्यो में रूचि न रखने पर अनुविभागीय अधिकारी पवई श्री अहिरवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। बैठक में मंत्री सुश्री मेहदेले ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पेयजल स्त्रोतों की कमी नही है। यदि इनका उचित प्रबंधन किया जाए तो पानी की कोई कठिनाई नही होगी। पन्ना जिले का सर्वेक्षण करके पेयजल योजनाएं बनाए। केन, पतने, मिढासन, गल्को, सुनार जैसी बडी नदियों तथा बडे बांधों से पानी लेकर 40 से 50 गांव को पेयजल देने की योजनाएं बनाए। जिले में नलजल योजनाओं की स्थिति संतोषजनक नही है। सभी बंद नलजल योजनाओं को विशेष प्रयास करके शुरू कराए। लगातार दो वर्षो से जिले में कम वर्षा के कारण पेयजल में कठिनाई है। आमजनता को हरहाल में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें। इस कार्य में किसी तरह की लापरवाही सहन नही की जाएगी। ग्राम पंचायतों को यदि नलजल योजनाओं के संचालन में कठिनाई आ रही है तो उसे विभागीय तौर पर संचालित करने के प्रयास करें। मंत्री सुश्री मेहदेेले ने अधीक्षण यंत्री श्री ठाकुर को फटकार लगाते हुए कहा कि नियमित रूप से भ्रमण करके पेयजल व्यवस्था की निगरानी रखें। पूरे सागर संभाग में पेयजल की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित कराए। बैठक मंे प्रमुख अभियंता श्री डामोर ने कहा कि पन्ना जिले में पेयजल व्यवस्था के लिए दल तैनात कर दिया गया है। आगामी दो माह में जिले का सर्वेक्षण पूरा कर लिया जाएगा। जिले में अक्टूबर माह के अंत तक 24 घण्टे पानी देने वाली 15 नलजल योजनाएं प्रारंभ कर दी जाएगी। बुन्देलखण्ड विशेष पैकेज से निर्मित नलजल योजनाओं में कई कमियां हैं। इन्हें दूर करने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। शाहनगर क्षेत्र को पानी उपलब्ध कराने के लिए नई कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिले में शीघ्र ही 60 से 70 गांव को पेयजल की आपूर्ति करने वाली नलजल योजनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। इनके माध्यम से शत प्रतिशत नल कनेक्शन दिए जाएंगे तथा बनाने वाली एजेन्सी 10 वर्षो तक इनका संचालन एवं संधारण करेगी। उन्होंने बुन्देलखण्ड में नलजल योजना के सुधार तथा हैण्डपम्प संधारण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।