भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज समाधान ऑनलाइन में लोक सेवाओं के प्रदाय में लापरवाही बरतने और समय-सीमा में लोगों की समस्याओं का हल नहीं करने के मामले में कई अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि जो अधिकारी-कर्मचारी ईमानदारी से जनकल्याण का काम कर रहे हैं उन्हें सार्वजनिक रूप से पुरस्कृत किया जायेगा लेकिन जो लोग भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जायेंगे उन्हें सख्त सजा मिलेगी। जनसमस्याओं के प्रति रहें संवेदनशील:- अशोकनगर के गाँव के परमाल सिंह जाटव के प्रकरण में मुख्यमंत्री ने विशेष प्रकरण मानते हुए उन्हें एमएससी में प्रवेश दिलाने के निर्देश दिये। जाटव ने बीएससी पाँचवे सेमेस्टर की प्रायोगिक परीक्षा शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय श्योपुर से दी थी। उनकी परीक्षा के अंक उनकी अंकसूची में नहीं जोड़े गये थे। इस संबंध में कार्रवाई करते हुए श्री चौहान ने दोषी प्राचार्य एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई करने के नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सरकारी अमला जनसमस्याओं के प्रति संवेदनशील रहे। सतना जिले के किसान राघवेन्द्र पयासी ने सहकारी समिति बरसी को 48 क्विंटल 40 किलो धान बेची थी, उसे भुगतान नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने इसमें भुगतान में विलंब को देखते हुये समिति के प्रबंधक और खरीदी केन्द्र प्रभारी को हटाने के निर्देश दिये। साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों से कहा कि धान के अलावा गेहूँ एवं अन्य फसलों की खरीद के भुगतान में विलंब के प्रकरणों की विशेष छानबीन और इस संबंध में लापरवाही पाये जाने पर तत्काल कार्रवाई करें। रायसेन जिले के शेहना गाँव के श्री संजीव पटेल ने मिट्टी परीक्षण के लिये आवेदन किया था। उनका मिट्टी परीक्षण नहीं किया गया और उन्हें मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट भी नहीं दी गई। इसे गंभीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने तत्कालीन उपसंचालक कृषि विभाग को निलंबित करने की कार्रवाई करने के निर्देश दिये। अनूपपुर जिले के देवहरा गाँव के श्री अंजनी प्रसाद तिवारी ने शिकायत की कि आदिवासी बालक छात्रावास के लिये उसने अपना भवन किराये पर दिया था लेकिन किराये की राशि का भुगतान नहीं हुआ। इसे गंभीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त के विरूद्ध कार्रवाई करते हुये तत्काल वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिये और भुगतान में देरी के लिये जिम्मेदार लेखापाल पर भी सख्त कार्रवाई करने को कहा। पन्ना के पाली गाँव की रेखा सिंह ने मुख्यमंत्री को आवास भत्ते की राशि का भुगतान नहीं मिलने की शिकायत की थी। कलेक्टर पन्ना ने बताया कि 28 जुलाई को भुगतान हो गया है। मुख्यमंत्री ने विलंब के लिये दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उज्जैन जिले के सागदी गाँव के हकाम बामनिया और विशाल सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि हितग्राही श्याम बाई की विधवा पेंशन शुरू नहीं हुई है और दो वर्ष का विलंब हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि ऐसे प्रकरणों को संवेदनशीलता के साथ हल करना चाहिये। इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत के सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिये और कलेक्टर को तत्काल पेंशन चालू करवाने को कहा। सिवनी के धूमा गाँव के राहुल यादव ने शिकायत की थी कि बारहवीं कक्षा में पुन: मूल्यांकन के बाद 85.40 अंक हासिल करने के बावजूद पुरस्कार राशि का भुगतान उसे नहीं मिला। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित कर्मचारी को निलंबित करने के निर्देश दिये। राजगढ़ जिले के मऊ थाना गाँव की श्रीमती मांगीबाई के पति की कुंए में डुबने से मृत्यु हो गई थी, यह 2014 का प्रकरण था। उसे आर्थिक सहायता नहीं मिली थी। इस प्रकरण में संबंधित पटवारी को दोषी पाते हुये मुख्यमंत्री ने उसे निलंबित कर दिया। शिकायतों के संवेदनशील निराकरण के लिये अधिकारियों, कर्मचारियों की प्रशंसा:- मुख्यमंत्री ने 181 में दर्ज शिकायतों के निराकरण में संवेदनशीलता के साथ निराकृत करने वाले विभागों और कर्मचारियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वाले अधकारी-कर्मचारियों का सार्वजनिक सम्मान किया जायेगा। उन्होंने भोपाल नगर निगम के आसिफ नज़मी, नीमच के श्री एल.एन. बोरना, देवास के श्री जे.के. चौधरी, खण्डवा के श्री सुनील गौर और उज्जैन की सुश्री माया को बधाई दी। उन्होंने छतरपुर के एस.एन. श्रीवास्तव, भोपाल नगर निगम की शाहब, जबलपुर के जीवी प्रजापत, सागर के अरूण सिंह, इंदौर के एम.पी. सिंह को भी बधाई और शुभकामनाएँ दी।