उज्जैन(ईन्यूज़ एमपी)- श्रावण मास के तीसरे सोमवार पर भगवान श्री महाकाल की सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार एवं रामानुजकोट होकर रामघाट पहुंची। पुलिस बैण्ड एवं घुड़सवार दल के साथ ठाठबाट से भगवान महाकाल शिप्रा तट पर पहुंचे। यहां पर शिप्रा के पवित्र जल से भगवान महाकाल का पूजन-अर्चन हुआ। पूजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी पत्नी साधना सिंह भी शामिल हुए। विधि-विधान से पूजन-अर्चन पं.आशीष पुजारी एवं पंडितों के दल द्वारा करवाया गया। इस अवसर पर विधायक डॉ.मोहन यादव, अनिल फिरोजिया, इकबालसिंह गांधी सहित गणमान्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। भगवान महाकालेश्वर की पालकी ने जैसे ही रामघाट पर प्रवेश किया, कड़ाबीन के धमाकों से रामघाट गूंजायमान हो गया। रामघाट एवं दत्त अखाड़ा घाट पर खड़े हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल की पालकी का जय महाकाल के नारे से स्वागत किया। श्रावण की फुहारों ने वातावरण में भक्तिरस घोल दिया और श्रद्धालु भाव-विभोर होकर भगवान की पालकी के आगमन पर झूम उठे। पालकी के आगे पुलिस बैण्ड द्वारा मधुर भजनों की धुनों ने समां बांध दिया। श्रद्धालु भगवान महाकाल की एक झलक पाने के लिये बैचेन हो उठे। रामघाट पर पालकी को विश्राम देकर पालकी में विराजित चंद्रमौलेश्वर की मूर्ति का पूजन-अर्चन करने के बाद पुरोहितों द्वारा आरती की गई। लगभग 45 मिनिट तक चले इस क्रम को दोनों घाटों पर मौजूद श्रद्धालु एकटक निहार रहे थे। आरती के बाद पुन: पालकी निर्धारित मार्ग पर भ्रमण के लिये रवाना हुई। जिला प्रशासन द्वारा रामघाट पर सुरक्षा व्यवस्था के लिये तीन लेयर की बैरिकेटिंग की गई थी। श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिये बड़ी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी निरन्तर स्थिति पर नजर रखे रहे। होमगार्ड के दल द्वारा भी नदी में चार मोटरबोट के माध्यम से पेट्रोलिंग करते हुए सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई।