भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य घोषित पूर्व विधायक डॉ नरोत्तम मिश्रा द्वारा आज दिनांक तक मंत्री रहते हुए उन्हें मिले विभागों में कामकाज जारी रखने और सुख सुविधाओं पर आपत्ति जताते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा लिए गए निर्णय, भेजे गए प्रस्ताव और मंत्रिमंडल की जिस बैठक में शामिल हुए हैं उसके निर्णय रद्द कर उनके द्वारा उपभोग की गई सुख-सुविधाओं की वसूली की जाए। नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि पूर्व विधायक डॉ नरोत्तम मिश्रा को चुनाव आयोग ने 23 जून को अयोग्य घोषित कर दिया। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर एवं ग्वालियर तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा उन्हें कोई राहत नहीं दी गई। माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी। माननीय उच्च न्यायालय की डबल बैंच ने भी उनके अयोग्यता वाले प्रकरण में 28 अगस्त की सुनवाई रखी है साथ ही उनके द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने एवं विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के आवेदन को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद भी डॉ नरोत्तम मिश्रा निरंतर मंत्री के रूप में मिली सुख सुविधाओं का न केवल उपभोग कर रहे हैं बल्कि विभागीय नस्तियों पर निर्णय भी ले रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा कि 23 जून के बाद डॉ नरोत्तम मिश्रा ने मंत्री के रूप में सौंपे गए विभाग में जो भी निर्णय लिए एवं निर्देश दिए हैं उनकी समीक्षा कर उन्हें रद्द करें। इसके साथ ही मंत्रिमंडल की बैठकों के लिए उन्होंने अपने विभागों से प्रस्ताव भेजे जिस पर केबिनेट की बैठक में शामिल हुए, ये सारी गतिविधियाँ संवैधानिक संस्थाओं की अवमानना है इसलिए वे सारे फैसले तत्काल रद्द किए जाएं। श्री सिंह ने कहा कि डॉ. नरोत्तम मिश्रा के विभागों के विधानसभा से संबंधित कामकाज को भी अन्य मंत्रियों को दायित्व दिया है। उन्हें विधानसभा की कार्यमंत्रणा परिषद जिसमें वे सदस्य थे उन्हें आमंत्रित नहीं किया। श्री सिंह ने कहा कि इससे यह भी स्पष्ट है कि सरकार उन्हें मंत्री मान नहीं रही है लेकिन स्वीकार भी नहीं कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शीघ्र इन मामलों में निर्णय नहीं लिया तो सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं विशेषकर माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना का मामला दायर किया जाएगा।