भोपाल। महर्षि महेश योगी संस्थान के चेयरमैन गिरीश वर्मा पर लगे यौन शोषण के मामले में जिला अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया। करीब 60,000 करोड़ की सम्पत्ति के मालिक गिरीश पर उनकी ही सहकर्मी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। दुनियाभर में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले महान संत महर्षि महेश योगी द्वारा स्थापित महर्षि महेश योगी संस्थान में उपजी यौन उत्पीडऩ की कहानी का मंगलवार को अंत हो गया। महर्षि महेश योगी के भांजे गिरीश वर्मा पर लगे यौन शोषण के मामले में जिला अदालत ने उन्हें बेकसूर करार दिया है। मप्र के इतिहास में यह एक बेहद बहुचर्चित मामला रहा है। यह है मामला... गिरीश वर्मा पर उनकी संस्थान की एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। इस महिला के ससुर दृष्टिहीन हैं और उन्होंने गिरीश वर्मा को संगीत की शिक्षा दी है। महिला के पति पिछले 12 वर्षों तक गिरीश वर्मा के प्राइवेट सेक्रेट्री रहे हैं। महिला का आरोप था कि गिरीश वर्मा ने भोपाल से बाहर की यात्राओं के दौरान होटलों में उनका यौन शोषण किया। रेणुरानी शर्मा(काल्पनिक नाम) के पति राजेश शर्मा ने गिरीश वर्मा की मीडिया को कुछ तस्वीरें भी जारी की थीं। आखिर हैं कौन ये गिरीश वर्मा: गिरीश वर्मा महर्षि महेश योगी के दूर के भतीजे हैं। चूंकि हॉलैंड में गिरीश ने महर्षि के साथ काफी वक्त गुजारा है, इसलिए उनका प्रभाव साफ दिखता है। वैदिक धर्म की स्थापना और योग की शिक्षा के लिए गिरीश वर्मा ने ब्रह्मचर्य व्रत लिया था। 1998 में महर्षि महेश योगी ने हॉलैंड में विश्व शांत ट्रस्ट की स्थापना की थी। महर्षि जी ने पूरी दुनिया को एक शांति राष्ट्र के रूप में मानते हुए इस लक्ष्य की स्थापना के लिए अपने 40 अनुयायियों को राजा बनाते हुए डॉ. टोनी नाडर को महाराजाधिराज बनाकर भव्य समारोह में इनका राज्याभिषेक किया था। टोनी नाडर ने उसी समय गिरीश वर्मा को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा मंत्री बनाते हुए उनका शपथ समारोह किया था। तभी से गिरीश वर्मा महर्षि महेश योगी द्वारा स्थापित शिक्षण संस्थानों की कमान संभाले हुए हैं।