भोपालenewsmp:-नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने बारहवीं और दसवीं के मध्यप्रदेष बोर्ड परीक्षा में मैरिट सूची में आने वाले पहले 10 छात्र-छात्राओं को उनके अथक परिश्रम से मिली सफलता पर बधाई दी है। सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सस्ती लोकप्रियता और विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत का मुफ्त में यष लूटने के लिए दो दिन पहले ही रिजल्ट की गोपनीयता भंग करने का आरोप लगाया है। सिंह ने कहा कि व्यापमं महाघोटाले में घिरे और राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते चौहान का यह कृत्य निंदनीय है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने 12 मई को दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में सफल होने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को आषा के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाई है उन्हें निराष होने की जरूरत नहीं है। जीवन बहुमूल्य है, हो सकता है कि इस बारे हमारे प्रयासों को सफलता नहीं मिल पाई हो, लेकिन इन प्रयासों को आगे जारी रखने के लिए आपके सामने पर्याप्त समय है और एक लंबा जीवन है। उन्होंने षिक्षकों और अभिभावकों को भी बधाई देते हुए बच्चों को मिली इस सफलता का श्रेय उन्हें दिया। श्री सिंह ने माध्यमिक षिक्षा मंडल को भी समय पर परीक्षा परिणाम घोषित करने पर बधाई दी। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने दसवीं और बारहवीं का रिजल्ट 12 मई से पूर्व लीक होने को गंभीर मामला बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान को मेरिट में आने वाले छात्र-छात्राओं की जानकारी कैसै मिली। उन्होंने कहा कि टीकमगढ़ रतलाम आदि जिलों में मेरिट में आने वाले बच्चों को लेकर वहां के जिला षिक्षा अधिकारी भोपाल के लिए रवाना हो गए उन्होंने मीडिया को बताया कि इन छात्र-छात्राओं का 12 मई को मुख्यमंत्री निवास में सम्मान होगा। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले परीक्षा परिणाम लीक होने से प्रदेष के लाखों परीक्षार्थी तनाव में आ गए हैं और जिन्हें मैरिट में आने की अपेक्षा थी वे निराष हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देष पर अधिकारियों ने मेरिट में आने वाले संबंधित जिलों के अधिकारियों को फोन करके मेरिट में आने वाले छात्र-छात्राओं को लेकर भोपाल पहुंचने को कहा गया । नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि क्या उन्हें मालूम था कि जो बच्चे लाए गए हैं, वे मेरिट लिस्ट में आए हैं, क्या प्रदेष में होने वाली सभी परीक्षाओं के परिणाम उन्हें पहले से ही पता चल जाते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो फिर उनकी अनुमति के बगैर सीएम हाउस में मेरिट में आए छात्र-छात्राओं को लेकर जिला षिक्षा अधिकारी भोपाल कैसे पहुंच