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रीवा-विभागीय कर्मी ही लगा रहे यातायात विभाग को चूना, चेकिंग के नाम पर हो रही अवैध वसूली

Enewsmp.com रीवा. गुंडागर्दी की तर्ज पर यातायात विभाग का वसूली अभियान एक बार फिर से शुरू हो गया है और विभागीय कर्मी ही बिना रसीद दिये वाहन चालकों से सरेआम वसूली करते हुए विभाग को चूना लगा रहे है। इसका एक ताजा उदाहरण आज दोपहर उस वक्त देखने को मिला जब कॉलेज चौराहे के पास से गुजर रहे कॉलेजी छात्रों की एक टीम को एक ट्रैफिक कर्मी द्वारा डरा धमका कर बिना रशीद काटे पैसे की मांग की जा रही थी। जब कॉलेज के छात्रों द्वारा पैसे ना देने की बात की गई , तब ट्राफिक कर्मी द्वारा छात्रों को थाना ले जाने की धमकी दी जा रही थी। हालांकि की इस मामले से से जुड़ा हुआ एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिससे साफ जाहिर होता है कि रीवा की ट्रैफिक पुलिस अवैध वसूली में कितनी लीन है।


इससे पहले भी पुराने बस स्टैंड के पास जांच के नाम पर ट्रेफिक के लोगों ने एक व्यक्ति की जमकर पिटाई कर दी थी और उसकी गाडी की चाबी छिनते हुए पैसे की मांग की थी। अब एक बार फिर से कॉलेज चौराहे के पास में दिनदहाडे वसूली तथा वाहन मालिकों से गाली गलौज का मामला सामने आया है।

यातायात विभाग की ओर से कल शिल्पी प्लाजा रोड के पास एक बार फिर चेकिंग अभियान शुरू किया गया। इस दौरान आने जाने वाले वाहनों की चेकिंग तथा हेलमेट चेक करने के नाम पर लोगों को बकायदा गुंडागर्दी की तर्ज पर वाहनों को रोककर गाडी की चाबी निकाल ली जाती है। वाहनों की चेकिंग करने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मी द्वारा बकायदा वाहन चालकों को 100 या 200 रूपये की रकम लेकर बिना रसीद दिये छोड़ा जा रहा था। रसीद की मांग करने पर उन्हें और अधिक जुर्माना लगाने की धमकी भी दी जा रही थी। जिसके कारण पूरे चेकिंग अभियान के दौरान कई लोगों से इस यातायात कर्मी की बहसा-बहसी भी हुई मगर लोगों के विरोध के बावजूद इस यातायात का खुलेआम वसूली अभियान कम जेब भरो अभियान चलता रहा। सवाल यह उठता है कि जब चेकिंग के नाम पर विभाग के ही कर्मचारी गुंडागर्दी की तर्ज पर वसूली करके विभाग को ही चुना लगा रहे तो ऐसे अभियान का क्या औचित्स रह जाता है। सबसे गजब की बात तो यह है कि यह देखने को मिली कि यह सब कुछ साहब के आदेश पर करने की बात यातायात कर्मी कर रहे थे इस तरह के अभियान से विभाग और विभाग के वर्दीधारी अधिकारी कर्मचारी दोनों बदनाम हो रहें है। यातायात अमले के वरिष्ठ अधिकारियों को इस तरह की कु चेष्ठा पर कारगर अंकुश लगाने की जरूरत है।

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