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घोटालो का सागर बाणसागर

अन्र्तराज्जीय बाणसागर परियोजना में हुये करोड़ों रुपये के घोटालें की परत-दर परत खुलती जा रही है। भ्रष्ट्राचार में लिप्त अधिकारियों ने खरीद-फ़रोख्त और फर्जी बिल बाउचर के जरिये बाणसागर बांघ परियोजना में कई करोड रुपये के घोटाले को अंजाम दिया है। अब तक इसमे लिप्त कई वरिष्ठ अधिकारी-कर्मचारी बेनकाब हो चुके है।
वर्ष 2006 में अन्र्तराज्जीय बाणसागर परियोजना में फर्जी बिल-बाउचर घोटाले का पर्दाफास हुआ। इस घोटाले में दर्जनभर अधिकारियों कर्मचारियो और व्यापारियो के लिप्त होने के सुराग मिले। आर्थिक अपराध अन्वेशण ब्यूरों ने भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम के तहत 39 लोगों के खिलाफ कार्यवाई करते हुये अपराध पंजीबद्ध किया था। इसमें बाणसागर के तत्कालीन मुख्य अभियंता बी.के.त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री मोहन प्रसाद मिश्रा, ए.के.परवार, जी.पी.श्रीवास्तव, एस.डी.ओ. सी.एन.त्रिपाठी, के.एच श्रीवास्तव, उपयंत्री खरे, बी.पी.मिश्रा, सहित मुख्य कार्यपालन अधिकारी (थोक उपभोक्ता भण्डार) राम दिनेश त्रिपाठी, ठेकेदार एस.के.जैन, रामकुमार शर्मा, अनिल तिवारी और सप्लायर कामधेनु इंटर प्राइजेज, परिहार इंटर प्राइजेज, ए.के.इंटर प्राइजेज, सम्राट ट्रेडर्स, रानी ट्रेडर्स, थापर इलेक्ट्रिकल्स, ए.के इंजीनियरंिग, गुडलक इंजीनियरिंग, आनंद फोटो काॅपी, ममता प्रिटिंग प्रेस और आदर्श इंटरप्राइजेज के विरुद्ध धारा 420, 467, 471, 120 एवं भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम की धारा 1988 के तहत भी प्रकरण दर्ज किया।
अब लोकायुक्त की टीम को वितरिका शाखा के अधीक्षण यंत्री महेन्द्र सिंह यादव के अलग-अलग ठिकानो से 6 लाख रूपये की एल.आई.सी. 4 लाख रूपये कैस, भोपाल ग्वालियर मे मकान, नोयडा, शिवपुरी में तीन प्लाट, दो गाडियां, 6 लाख के जेवरात और 15 एकड़ अलग-अलग जगह से जमीनों के दस्तावेज मिले है। पिछले आंकडों मे नजर डाले तो बाणसागर परियोजन में काम करने वाले कर्मचारी अधिकारी धनकुबेर बन चुके है लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नही उठाये लिहाजा इस परियोजना मे भ्रष्टाचार रूकने का नाम नही ले रहा।
ई.ओ.डब्ब्लू ने इसे पहले बाणसागर घोटाले में लिप्त अधिकारियो पर सिकंजा कसा। इसमे सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता बी.के.त्रिपाठी, अधीक्षण यंत्री सतना, एस.ए.करीम, कार्यपालन यंत्री रीवा एल.एल.एम.सिंह, सेवानिवृत्त कार्यपालन यंत्री रीवा अनुपत श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री लोवर सिहावल आर.पी शुक्ला। इन 5 अधिकारियों के 11 ठिकानों पर आर्थिक अपराध अन्वेशण ब्यूरों नें छापेमार कार्यवाही कर बेहिसाब संपत्ति जप्त की। इसमें से इन अधिकारियों के यहाॅ लाखों रुपये की नगदी, बेशकीमती जमीनों के कागजात, सोने-चांदी के आभूषण, शेयर, बीमा पालिसी मिली। एल.एम सिंह के यहाॅ से लगभग 5 करोड की चल अचल संपत्ति, बी.के त्रिपाठी के घर के घर से लगभग 2 करोड रुपये की संपत्ति, एस.ए.करीम के यहाॅ 1 करोड, आर.पी.शुक्ला और अनुपम श्रीवास्तव के यहाॅ से 75-75 लाख के चल एवं अचल संपत्ति संबंधी दस्तावेज मिल चुके हैर्।

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