नई दिल्ली. केंद्र सरकार दो दिनों में पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन (OROP) का एलान कर सकती है। कुछ चैनलों ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कीम 1 जुलाई 2014 से लागू हो सकती है। हालांकि, पूर्व सैनिक इसे 1 अप्रैल 2014 से लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में चल रही बैठक में आरएसएस ने बीजेपी को बिना देरी किए इसे लागू करने को कहा है। तैयार है OROP का ड्राफ्ट! माना जा रहा है कि संघ के दबाव के बाद सरकार पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन का एलान कर सकती है। इस फैसले से प्रभावित होने वाले लगभ 24.25 लाख पूर्व सैनिक हैं। जिनमें 6 लाख वॉर विडोज हैं। वर्तमान में पूर्व सैनिकों की पेंशन पर केंद्र सरकार 54 हजार करोड़ रुपए खर्च करती है। वन रैंक वन पेंशन लालू हो जाने के बाद इस इस पर 75 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस फंड में सालाना 8 हजार से 10 हजार करोड़ की सालाना बढ़ोतरी करना होगी। पूर्व सैनिक 2 साल मे पेंशन समीक्षा के लिए तैयार हैं, जबकि सरकार अभी तक हर साल पेंशन समीक्षा किए जाने पर अड़ी थी। वहीं पूर्व सैनिकों ने कहा कि सरकार वन रैंक-वन पेंशन को एक जून 2014 से (पहले पूर्व सैनिकों की मांग 1 अप्रैल 2014 से लागू करने की थी) लागू करती है तो भी उन्हें ऐतराज़ नहीं होगा। जबकि सरकार 1 जुलाई 2014 से इसे लागू करना चाहती है। पूर्व सैनिक चाहते हैं कि पेंशन समीक्षा का बेस इयर 2015 रखा जाए। सरकार 2013 को बेस इयर मानने को तैयार है। पूर्व सैनिक OROP को लागू करने में आ रही पेचीदगिंयों को दूर करके ही वन रैंक वन पेंशन को लागू करने की बात कह रहे हैं। सरकार इस मामले में 1 सद्सीय आयोग बनाकर कर आने वाली पेचीदगियां दूर करने को तैयार है। क्या है 'वन रैंक-वन पेंशन'? 'वन रैंक-वन पेंशन' मतलब अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो फौजियों को समान पेंशन देना। फिलहाल रिटायर होने वाले लोगों को उनके रिटायरमेंट के समय के नियमों के हिसाब से पेंशन मिलती है। यानी जो लोग 25 साल पहले रिटायर हुए हैं उन्हें उस समय के हिसाब से पेंशन मिल रही है जो बहुत कम होती है। इसे ऐसे समझें... मान लीजिए 2006 से पहले रिटायर हुए मेजर जनरल की पेंशन 30,300 रुपए है, जबकि आज कोई कर्नल रिटायर होगा तो उसे 34,000 रुपए पेंशन मिलेगी। जबकि मेजर जनरल कर्नल से दो रैंक ऊपर का अधिकारी होता है। पूर्व सैन्यकर्मियों को मिलेगा फायदा देश में 25 लाख से ज्यादा रिटायर्ड फौजी हैं। उदाहरण के लिए योजना इस तरह बनाई गई है कि जो अफसर कम से कम 7 साल कर्नल की रैंक पर रहे हों, उन्हें समान रूप से पेंशन मिलेगी। ऐसे अफसरों की पेंशन 10 साल तक कर्नल रहे अफसरों से कम नहीं होगी, बल्कि उनके बराबर ही होगी।