भोपाल enewsmp.comमध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आए दिन कई सवाल उठ रहे है। लेकिन व्यवस्थाओं में कोई सुधार नही हो पा रहा है। डिण्डौरी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा जहां एम्बुलेंस की कमी के कारण दो मासूम बच्चों को उपचार के लिए आधी रात को ऑटो से जिला चिकित्सालय लाना पड़ा लेकिन रास्ते मे दो बच्चों ने दम तोड़ दिया, घटना डिंडौरी जिले के सक्का बरेला गांव की है। रविवार रात को चार वर्षीय सीमा और छह वर्षीय रंजना बिस्तर पर सो रही थी, तभी अचानक कहीं से सांप आ गया और दौनों बहनों को काट लिया। इसके बाद परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को फोन लगाया, पर वाहन उपलब्ध नही हो सका गांव से 25 किमी दूर जिला अस्पताल न ले जा पाने की वजह से दोनों बच्चियों ने दम तोड़ दिया। परिजन डिण्डौरी जिला चिकित्सालय में दोनों के शवों का पोस्टमार्टम कराने पहुंचे।इसके बाद भी मुश्किलें कम नही हुई पीएम के बाद शव वाहन नसीब नहीं हो सका और ऑटो में ही शव को ले जाने की व्यवस्था की गई।गौरतलब है की आए दिन प्रदेश में इस तरह के मामले सामने आ रहे है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं के हाल दिनों दिन बेहाल होते जा रहे है। कभी कोई दवाओं के अभाव में मर जाता है, तो कभी किसी को एंबुलेंस नही मिलता, कभी किसी को शव नही दिया जाता तो कभी किसी को अपनों का शव हाथ में उठाकर या साईकिल पर रखकर या ठेला गाड़ी पर रख कर जाना पड़ता है। हद तो तब हो जाती है जब अस्पताल प्रबंधन शव को ले जाने से पहले अस्पताल का बिल मांग लेते और जब तक शव नही देते जब तक आपका भुगतान नही हो जाता है। प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े बड़े दावे करती हो लेकिन हालात तो कुछ ओर ही बयां कर देते है।