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एक बार फिर विवादों में फंसे जुलानिया

Enewsmp. com भोपाल।पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया एक बार फिर विवादों हैं। इस बार मामला पंचायत आयुक्त संतोष मिश्रा और उनके बीच कहासुनी से जुड़ा है। विधानसभा में विभागीय मंत्री गोपाल भार्गव के कक्ष में ध्यानाकर्षण के जवाब की तैयारी चल रही थी। तभी जुलानिया ने मिश्रा से कहा कि यह जवाब संतोषजनक नहीं है। इस पर हॉट-टॉक होने लगी। जुलानिया ने मिश्रा को डांट दिया। वे हाईपर टेंशन में आकर बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें विधानसभा के डॉक्टर ने हमीदिया अस्पताल रैफर कर दिया। जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि ब्लड प्रेशर बढ़ने के दौरान मिश्रा एसीएस को मना भी करते रहे। लेकिन वे फिर भी नहीं माने। सीने में दर्द होता देख आयुक्त ने एसीएस से कहा कि 34 साल की नौकरी में आपके जैसा आदमी नहीं देखा। जो कान का कच्चा है। छोटी-छोटी बातों को लेकर आप तो ऐसे बात करते हैं जैसे कि मैं आयुक्त नहीं आपके घर का नौकर हूं। रात दिन काम करने के बाद भी संतोष नहीं है तो फिर कब मिलेगा। हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं? इतना कहते ही वे गिर पड़े। इस दौरान विकास आयुक्त कार्यालय के कई अधिकारी मौजूद रहे। विधानसभा में मौजूद डॉक्टरों ने उनकी जांच की। एंबुलेंस से हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर कॉर्डियोलॉजिस्ट बीएस यादव की टीम उनका इलाज कर रही है। फिलहाल अभी उनकी हालत खतरे से बाहर है।

सीएस से ट्रांसफर के लिए कह चुके मिश्रा

बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही संतोष मिश्रा ने मुख्य सचिव बीपी सिंह से आग्रह किया था कि उनका पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से ट्रांसफर कर दिया जाए।

पहले भीयह ठीक नहीं : डबास

आजाद सिंह डबास ने घटना को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि एसीएस को सोचना चाहिए। वे सिविल सर्वेंट हैं। पहले भी वे विवादों में रहे। अधिकारी उनके साथ काम नहीं करना चाहते हैं।

मिश्रा के आरोप

पंचायत आयुक्त संतोष मिश्रा के आरोप है कि एसीएस को बीमारी है, तभी वो सबसे ऐसा व्यवहार करते हैं। सरकार को उनका इलाज कराना चाहिए। ताकि उनके जैसे ऑफिसर के साथ आगे ऐसी कोई घटना न घटित हो। मिश्रा ने कहा कि देररात तक वो दफ्तर में काम करते हैं। बावजूद इसके उनको एसीएस की डांट सुनना पड़ती है। यह पहली घटना नहीं है, जब उनको डांटा गया हो। वो हर किसी को उनके दफ्तर में भी फटकारते रहते हैं।



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