रीवा-enewsmp.comवाणिज्य-उद्योग,रोजगार तथा खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि आयुर्वेद महाविद्यालय द्वारा पीढ़ियों को ऐसी शिक्षा दी जा रही है जो हमारी संस्कृति से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि यह अमूल्य धरोहर है और इसे संरक्षित करना हम सबकी जवाबदारी है। शुक्ल शनिवार को रीवा में आयुर्वेद महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव समारोह आयुरूत्सव को संबोधित कर रहे थे | उद्योग मंत्री ने कहा कि इस भारतीय चिकित्सा पद्धति को बनाये रखे जाने के प्रयास सतत जारी रखे जाने चाहिए जो व्यक्तियों को रोगों से दूर रखने में महत्वपूर्ण कारक साबित होगा। उन्होंने कहा कि देश में कुछ व्यक्तियों ने इस चिकित्सा पद्धति में क्रान्ति लाने का कार्य किया है। लोग विदेशी चिकित्सा की अपेक्षा आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को अधिक महत्व दे रहे हैं। शासन के विभिन्न विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए मंत्री शुक्ल ने कहा कि भविष्य में लोगों की प्रति व्यक्ति आय बढ़े इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने महाविद्यालय के पंचकर्म विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य की सराहना की। शुक्ल ने कहा कि पूर्व में महाविद्यालय का काफी विकास हुआ है। जो कमियां हैं उसे भी दूर किया जायेग। उद्योग मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद की पढ़ाई करने वाले छात्रों को आधारभूत संरचना की सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी। आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए शासन स्तर पर विचार किया जायेगा। उद्योग मंत्री ने पंचकर्म विषय पर लिखित पुस्तक स्नेहन एवं स्वेदन चिकित्सा का विमोचन भी किया । प्राचार्य डॉ. दीपक कुलश्रेष्ठ ने महाविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।